- इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय लिए
रांची। राष्ट्रीय सनातन एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, प्रदेश महासचिव प्रकाश पटवारी, मुख्यालय महासचिव दीपेश निराला, प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ, मनीष अग्रवाल,अजय पंकज, अशोक मोदी, नीरज भट्ट, अमित शर्मा, ने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुए विवादित ढांचा विध्वंस प्रकरण पर लखनऊ के सीबीआई न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 49 में से बचे सभी 32 आरोपित धर्मयोद्धाओं को ससम्मान आरोप से न्यायायिक मुक्त कर दिए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
श्री राम जन्मभूमि के मुक्ति के संघर्ष का विस्फोटक परिणाम था
मंच के प्रांतीय महामंत्री प्रकाश पटवारी ने कहा है कि न्यायालय ने सत्य को सामने ला ही दिया, कि यह कोई सोची समझी साजिश के तहत घटना नहीं थी बल्कि 492 वर्ष से चल रही श्री राम जन्मभूमि के मुक्ति के संघर्ष का विस्फोटक परिणाम था। हिंदू जनमानस के अंदर फूट रहे हैं उस ज्वालामुखी का आग का परिणाम था। जिसका बीजारोपण 1528 ई० में किया था। यह सत्य और न्याय का विजय है। हिंदू समाज कभी किसी दूसरे मत-पंथ के देवालयों का क्षति नहीं पहुंचाई है। परंतु मुगल आक्रांताओं द्वारा भारतीय प्राचीन सनातन संस्कृति एवं परंपरा को नष्ट करने के उद्देश्य से भगवान श्रीरामजन्मभूमि में स्थित श्रीरामलला मंदिर, मथुरा स्थित श्रीकृष्णजन्मभूमि, कासी स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर सहित हजारों हिंदू मानबिंदुओं को नष्ट करने की चेष्टा किया गया। हिंदू समाज इसे पाने के लिए निरंतर संघर्ष किए हैं और करते रहेंगे तथा लाखों राम भक्तों ने अपना बलिदान दिए हैं और देते रहेंगे। आज परम पूज्य माननीयअशोक सिंघल जी सहित 17 ब्रह्मलीन रामभक्त धर्मयोद्धाओं को भी न्यायायिक मुक्ति मिली,जो हिंदू समाज के लिए ऐतिहासिक पल रहा। न्यायालय ने 32 धर्मयोद्धाओं को इस प्रकरण से न्यायायिक मुक्त कर दिया गया इसके लिए समस्त न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं सहित समस्त श्रीरामभक्तों को राष्ट्रीय सनातन एकता मंच झारखंड प्रदेश बहुत-बहुत बधाई देता है।