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देवरिया गांव में सोहराई डायर जतरा मेले का अयोजन 

भुरकुंडा: सोहराय पर्व हमारे सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है ।यह पर्व पालतू पशु और मानव के बीच गहरा प्रेम स्थापित करता है। हमारे सभ्यता और संस्कृति लिए विशेष है।क्योंकि हमारे अधिकांश मूल निवासी खेती -बारी पर निर्भर है खेती बारी का काम बेलो व भैंसों के माध्यम से की जाती है. इसीलिए सोहराय का पर्व में पशुओं की पूजा की जाती है. इस दिन खेती में मदद करने वाले बैलों व भैंषों को पूजा कर किसान वर्ग धन-संपत्ति वृद्धि की मांग करते हैं इसलिए सोहराय का पर्व मेले का अयोजन किया जाता है ताकि आने वाले पीढ़ी को झारखंड के सभ्यता और संस्कृति प्रति जागरूकता बनी रहे । उक्त बातें सोहराई डायर जतरा मेले के दौरान मुख्य अतिथि अधिवक्ता सह समाज सेवी धनंजय प्रसाद यादव ने कही ।

दीपावली और छठ पूजा के मौके पर देवरिया गांव में बुधवार को सोहराई डायर जतरा मेले का अयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि अधिवक्ता सह समाज सेवी धनंजय प्रसाद यादव, विशिष्ट अथिति प्रखंड प्रमुख कौशल्या देवी, जिला परिषद सदस्य जय राम बेदिया , भादानी नगर ओपी प्रभारी धनंजय प्रसाद जेएसपीएल सीएस ने शिरकत किया । मेले की शुरुवात मुख्य अतिथि और, विशिष्ट अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर फीता काट कर किया गया। इसके पूर्व पहनो द्वारा पूजन कार्य किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों के मनोरंजन के आर्केस्ट्रा का भी प्रोग्राम किया गया था जिसमे आए कलाकारों ने नागपुरी गाने गा कर दर्शको का खूब मनोरंजन किया। इस अवसर पर मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए जंपिग झूला, मिक्की माउस, नाव झूला, आदि लगाए गए थे वहीं खाने पीने के लिए चाट की दुकानें, मिठाई की दुकानें महिलाएं के लिए श्रृंगार की दुकानें लगाई गई थी।मेले में बड़ी संख्या में बच्चों महिलाएं और पुरुष की भीड़ उमड़ी रही। मेले को सफल बनाने में मुख्य सयोजक मुखिया विकाश कुमार नायक सह संयोजक जितेंद्र कुमार नायक, मुख्य संरक्षक सरजू मुंडा, संरक्षक पूर्व मुखिया राजेंद्र मुंडा, दया शंकर मुंडा, रवि मुंडा, मंजय यादव अध्यक्ष विनोद कुमार मुंडा, सचिव राकेश कुमार मुंडा, कोषाध्यक्ष बाबू मुंडा समेत कई लोग ने योगदान दिया।

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