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सफाई के नाम पर मिला सिर्फ आश्वासन, नहीं हो सकी भुरकुंडा में सफाई की पहल

बीते 27 अक्टूबर को बड़कागांव विधायक और बरका-सयाल महाप्रबंधक ने किया था कूड़ा-कचरे का निरीक्षण

भुरकुंडा (रामगढ़): मुख्य बाजार, सब्जी मंडी और इसके आसपास लंबे अरसे से फैले कूड़ा-कचरे की स्थिति अब भी वैसी ही है। जबकि बीते 27 अक्टूबर को बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद और सीसीएल बरका-सयाल के महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह  भुरकुंडा बाजार और आसपास पसरे कूड़ा-कचरे का निरीक्षण किया था।

जहां उन्होंने बदहाल स्थिति का जायजा लेते हुए जल्द से जल्द सफाई कराने का आश्वासन दिया था। इस दौरान कई स्थानीय लोगों ने भी गंदगी से होती परेशानियों से विधायक और महाप्रबंधक को अवगत कराया। जिसमें रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े लोग भी शामिल थे। बावजूद इसके एक माह बीत जाने के बाद भी साफ-सफाई पर कोई ठोस पहल नहीं हुई है। हालात अब भी जस के तस हैं। सिर्फ यही नहीं, क्षेत्र के कई परियोजनाओं और पंचायतों में गंदगी की कमोवेश यही स्थिति है। साफ-सफाई के नाम खानापूर्ति होती है, जबकि जगह-जगह जमा कूड़ा-कचरा अब भी बरकरार है।  

रविवार को साप्ताहिक बाजार में हजारों की संख्या में यहां लोग खरीदारी करने पहुंचते है। दूर-दराज से सब्जी, दातुन-पत्तल सहित अन्य सामान बेचने वाले लोग भी दुकान लगाते है। बाजार के आसपास ही उनका खाना-पीना भी होता है। सब्जी बाजार पहुंचते लोग जहां बदबू से असहज होते दिखते हैं, वहीं गंदगी में पनपते मक्खी-मच्छरों से गंभीर बिमारियों को भी आमंत्रण मिल रहा है।

वहीं क्षेत्र के तथाकथित नेता, पंचायत प्रतिनिधि,अधिकारी, समाजसेवी, व्यवसायी और बुद्धिजीवी गंदगी देख नाक-मुंह सिकोड़कर  निकल जाते हैं। सिस्टम को कोसते है और अपनी जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ लेते है। स्वच्छता को लेकर कोई ठोस कवायद नहीं दिखती। हाल यही रहा तो भविष्य में स्थिती और बदतर हो सकती है। कूड़ा-कचरे के बढ़ते अंबार भुरकुंडावासियों के लिए बड़ी चुनौती और परेशानी का बड़ा सबब भी बन सकते हैं।

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