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अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक संपन्न

9 अगस्त को देशव्यापी स्तर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो का नारा बुलंद करेंगे

रामगढ़।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रेसवार्ता को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव महेन्द्र पाठक,अखिल भारतीय किसान महासभा के सचिव पुरन महतो,अध्यक्ष हीरा गोप, सँग्राम समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र गोप, के महासचिव विष्णु कुमार ,भुवनेश्वर केवट ने संबोधित किया।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ,किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस लेने के लिए 9 अगस्त को राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएगी।जमाखोरी को बढावा देने , कृषि उत्पादन मंडी को खत्म करने और खेती पर कंपनियों का कबजे की कोशिश के खिलाफ आगामी 9 अगस्त 2020 को राज्य भर मे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस
लो

नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में तीन किसान विरोधी अध्यादेश लाए हैं। जिनका असली नाम जमाखोरी चालू करना , कानून
मंडी खत्म समाप्त करना। व्यापारी कृषि उत्पाद खरीद कर जमा खोरी करके अपनी मनमर्जी से रेट तय करके बेचता है। जिससे किसान और उपभोक्ता दोनों को नुकसान होता है। एपीएमसी की कमियों के कारण किसानों का शोषण होता है।उसे दूर किया जा सकता था।लेकिन कंपनियों को फायदा पंहुचाने के लिए खरीद का अधिकार निजी हाथों में दिया जा रहा है। जिसमें किसान अपनी उपज बेचने का अधिकार खो देगा। ठेका खेती कानून में कहने को किसान खेत का मालिक होगा लेकिन खेती करने और उत्पाद बेचने का अधिकार कंपनी का होगा। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा खेती किसानी की बुनियादी व्यवस्था बदलने की साजिश की जा रही है। हमे 9 अगस्त को देशव्यापी स्तर अपनी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोडो के नारे बुलंद होगा।उन्होंने कहा कि देश की धरती से सिर्फ किसान ही जुड़ा है व्यापारी या कंपनियां नहीं। देश के करोड़ों लोगों को भोजन की गारंटी भी किसान ही देता है। राज्य सरकारें जो बोनस देती थी उसे केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है। उन्होंने बताया कि केरल सरकार ने एम एस पी से 800 रुपये अधिक पर 2695 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान की खरीद की है।लेकिन अन्य सरकारें एम एस पी पर भी धान खरीदने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि केरल सरकार ने 87 लाख नागरिकों और 25 लाख बच्चों को अनाज के अलावा दो किस्म का खाने का तेल, आटा, तेल, शक्कर, नमक, मूंग, अरहर, उरद, चना दाल, सूजी, चाय, मसाले, सांभर पॉवडर के पैकेट दिये गए। 55 लाख लोगों को 1300 रुपये प्रति माह की पेंशन 6 महीने से दी जा रही है। लेकिन अन्य सरकारें कोरोना काल मे भी केवल खानापूर्ति कर रही है।नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा कहा गया है, कि किसानों को आजादी मिल गई है। लेकिन यह आजादी कारपोरेट को किसानों को लूटने की मिली है।संसद और विधान सभाओं को बिना विश्वास में लिए अध्यादेशों को लागू करने का काम किया गया है। उनका मकसद मंडी को दरकिनार करना, ध्वस्त करना है। इसलिए पुरे देश मे 09 अगस्त को देश के 300 से अधिक किसान सँगठनो ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी नीतियों के झारखंड के सभी जिले मे गांव गांव मे किसान सरकार के नीतियों के बीरोध आन्दोलन तेज करेंगे।बहुराष्ट्रीय कंपनियों भारत छोडो नारे के साथ आँदोलन तेज होगा ।

फोटो मौके पर उपस्थित नेतागण

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