राज्य भर के BRP-CRP ने मंगलवार को विधानसभा का घेराव किया। इन्होंने कहा कि ये पिछले 17 वर्षों से काम कर रहे हैं। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इनसे अलग-अलग कार्यों की जिम्मेदारी दी जाती है लेकिन अभी इनके लिए न ही कोई नियमावली बनाई गई है और न ही सेवा-शर्त का निर्धारण किया गया है।
महासंघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने कहा कि हेमंत सोरेन ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आते ही वे कार्यरत सभी प्रकार के अनुबंध कर्मियों का नियमितीकरण किया जाएगा और उन्हें वेतनमान दी जाएगी। लेकिन विधानसभा में सरकार की तरफ से BRP-CRP के लिए दिया गया जवाब निराशाजनक है। इससे सभी हताश हुए हैं। उन्होंने कहा कि आगे अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
क्या हैं मुख्य मांगे
1. 17 वर्षों से कार्यरत BRP-CRP के सेवा नियमितीकरण व सेवा शर्त नियमावली का निर्माण किया जाए।
2. शिक्षा विभाग के रिक्त पड़ पदों पर BRP-CRP को समायोजन में प्राथमिकता दी जाए।
3. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारिणी में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रशिक्षित BRP-CRP को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में 50 फीसदी आरक्षण प्रदान की जाए।