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रक्षा क्षेत्र के 101 उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा एलान, रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनेगा देश

लिस्ट में सामान्य पार्ट्स के अलावा कुछ उच्च तकनीकी हथियार भी शामिल

अगले 6-7 साल में घरेलू उद्योगों को दिए जाएंगे करीब चार लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर

नयी दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानि रविवार को रक्षा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण एलान किए हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच स्तंभों अर्थात्, अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार पर भारत के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जिसका नाम ‘आत्मनिर्भर भारत’ है।

101 वस्तुओं की एक सूची तैयार

इसे ध्यान में रखते हुए, रक्षा मंत्रालय ने 101 वस्तुओं की एक सूची तैयार की है, जिसके आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन 101 वस्तुओं में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच रडार और कई अन्य आइटम हैं, जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी हैं। यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग को खुद के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके या फिर डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीकों को अपनाकर सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हथियारों के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा। भारत के भीतर विभिन्न गोला-बारूद और उपकरणों के विनिर्माण के लिए भारतीय उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आकलन करने के लिए सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चाएं हुईं, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा इस सूची को तैयार किया गया है।आयात पर प्रतिबंध (एम्बार्गो) को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के बारे में बताना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो जाएं।

52,000 करोड़ रुपये के साथ एक अलग बजट
इस दिशा में सभी आवश्यक कदमों को सुनिश्चित करने के लिए निगेटिव इंपोर्ट सूची के अनुसार उपकरणों की समय-सीमा पूरी की जाएगी, जिसके लिए रक्षा सेवाओं द्वारा उद्योग को संचालित के लिए एक समन्वित तंत्र शामिल होगा। आयात के लिए इस तरह के अन्य उपकरणों को सभी हितधारकों के परामर्श से डीएमए द्वारा पहचाना जाएगा। इसका एक यथोचित नोट भी डीएपी में बनाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची की कोई भी वस्तु भविष्य में आयात के लिए संसाधित (प्रोसिड) न हो। रक्षा मंत्रालय ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार से हथियारों को खरीदने के लिए बनाए गए 2020-21 के बजट में भी परिवर्तन किया है। चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये के साथ एक अलग बजट बनाया गया है।

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