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कृषि बिल और महंगाई पर नहीं हो सकी चर्चा, बीजेपी की रणनीति रही कामयाब

रांची: झारखंड विधानसभा में कृषि बिल और महंगाई पर सदन में सरकार चर्चा नहीं करा सकी. भोजनावकाश के बाद जब इस मसले पर चर्चा शुरू हुई तो बीजेपी के विधायकों ने यह कहते हुए विरोध करना शुरू किया कि आखिर सदन में किस कृषि बिल पर चर्चा हो रही है, इसको स्पष्ट करना चाहिए. कृषि बिल और महंगाई पर भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने अपनी बात जरूर रखी, लेकिन बीजेपी विधायकों के शोरगुल में उनकी आवाज दब गई. इस विशेष चर्चा का विरोध करने के लिए बीजेपी विधायकों ने विशेष रणनीति बना रखी थी. सीपी सिंह और नीलकंठ सिंह मुंडा को छोड़कर बीजेपी के सभी विधायक काले रंग का कपड़ा पहनकर पहुंचे थे.

सीपी सिंह ने कहा कि महंगाई पर चर्चा से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सदन को बताना चाहिए कि किस कृषि बिल पर चर्चा होगी. उन्होंने पूछा कि क्या यह राज्य सरकार का बिल है. बीजेपी विधायक ने कहा कि बिल शब्द हटाकर सिर्फ कृषि शब्द पर चर्चा हो तो कोई गुरेज नहीं है. सीपी सिंह ने कहा कि पिछले दिनों की मैंने इस पर सवाल खड़े किए थे. विधानसभा अध्यक्ष की तरफ इशारा करते हुए सीपी सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा आप समझ रहे हैं, तकलीफ इस बात की है कि आसन कलंकित हो रहा है. उन्होंने कहा कि आसन पर बैठते ही आप ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर वाली भूमिका में होते हैं, फिर भी आप आंखें बंद किए हुए हैं.

सदन में गूंजा जय श्रीराम का नारा

जवाब में विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि यह मामला कार्य मंत्रणा में आया था तब बीजेपी की ओर से आपत्ति क्यों नहीं की गई, ऐसे में आसन कलंकित कैसे हुआ. बीच का रास्ता नहीं निकलने पर बीजेपी विधायक लगातार विरोध करते रहे. बीजेपी के कई विधायक रिपोर्टिंग टेबल के चेयर पर बैठ गए और उसे थप थपाने लगे. तब स्पीकर ने कहा कि आसन के धैर्य की परीक्षा ना लें. इस बीच झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने अपनी बात रखने की कोशिश की. बीजेपी के तल्ख तेवर को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार की 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इस दौरान सदन में जय श्रीराम के भी नारे गूंजे.

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