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महिला सभा संघ ने महिला प्रतिनिधि सम्मेलन में बाल विवाह ठुकराने वाली दो किशोरियों को किया सम्मानित

जामताड़ा : सामाजिक संस्था बदलाव फाउंडेशन व आइसीआरडब्लू के तत्वावधान में जामताड़ा दुलाडीह पंचायत भवन में जिला महिला सभा संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सभा प्रतिनिधि सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में 100 महिला सभा नेत्रियों ने भाग लिया। इस सम्मलेन का मुख्य अतिथि ICRW के जिला समन्वयक त्रिलोकी नाथ थे व विशिष्ठ अतिथि जामताड़ा जिला महिला सभा संघ की सचिव लखी टुडू ने भाग लिया। साथ ही बदलाव फाउंडेशन की एचआर मेनेजर सबिता रॉय, दिनेश यादव एवं महिला सभी की अध्यक्ष आशा राठौर मौजूद थी। सम्मेलन सभा के मंच संचालन श्वेता कुमारी ने किया।

आइसीआरडब्लू के जिला समन्वयक त्रिलोकीनाथ ने कहा कि महिला प्रतिनिधि सम्मेलन का ओजजन का मुख्य उद्देश्य समाज की किशोरियों व महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करना। पूरे मार्च महीने तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। बदलाव फाउंडेशन व आइसीआरडब्लू द्वारा जामताड़ा जिले में उमंग परियोजना चलाया जा रहा है, जिसके तहत समाज की वैसी किशोरी जो किसी भी कारण से पढ़ाई छोड़ चुकी है, उन्हें इस परियोजना से जोड़ कर आगे की शिक्षा से जोड़ना। साथ ही समाज से बाल विवाह को समाप्त करना। इस परियोजना से बहुत सी किशोरी है, जो बाल विवाह का विरोध कर चुकी है। जब किशोरी की माता पिता बाल विवाह कराना चाहा तो विरोध कर संस्था को सूचना दी। संस्था के लोग उन किशोरियों के घर पहुंच कर उनके माता पिता को समझाया गया तब शादी रुकी। उन किशोरियों को दो बारा संस्था ने जामताड़ा कॉलेज में नामांकन कराया, जो अब भी पढ़ रही है। संस्था का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को सामाजिक व शैक्षिक रूप से सशक्त करना। यही महिला सशक्तिकरण है। पहले किशोरी बाल विवाह का विरोध नही कर पाती थी, लेकिन अब उमंग परियोजना से जुड़ कर किशोरियां अच्छे बुरे की समझ परख सकती है।

वहीं सम्मेलन को महिला सभा की अध्यक्ष आशा राठौर, लखि टुडू, मिरुदी हेम्ब्रम, रिबिका दास, मेरी दास, नमिता हेम्ब्रम, मंजूबेसरा व निशापति शबाना, अनामिका, प्रीति, रिंकी ने अपना -अपना अनुभव साझा किया।

इस अवसर पर महिला सभा संघ की तरफ से उमंग परियोजना की दो किशोरियों को शाल देकर सम्मानित किया गया, जिन्होंने 18 वर्ष से पहले शादी को ठुकराई और अपनी पढाई को तवज्जो दी। ये दोनों किशोरियां जामताड़ा प्रखंड के सातसाल गाँव की पूजा एवं आयशा खातून है, जिन्होंने ने बाल विवाह को ठुकराया व आगे की पढ़ाई जारी रखी।

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