- झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के निर्णय का किया स्वागत
राॅंची। झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सीएनटी-एसपीटी संशोधन का विरोध करनेवाले आदिवासियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने तथा एससी-एसटी को 50 प्रतिशत राशि पर औद्योगिक जमीन देने की घोषणा स्वागत योग्य एवं प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन रघुवर सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये जा रहे संशोधन के विरोध में खूॅंटी, मुरहू एवं अड़की में आदिवासियों द्वारा पत्थलगढ़ी किया गया था, जिसमें रघुवर सरकार ने ग्रामीणों के विरूद्ध 23 केस दर्ज किए थे, जो काफी निन्दनीय था।
उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में राज्य की जनता को केवल छला गया था और पूॅंजीपतियों एवं व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा था। वर्तमान में यही कार्य केन्द्र की मोदी सरकार कर रही है और मंहगाई को चरम सीमा तक पहुंचाकर आम आदमी का खून चूस रही है।
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड में 80 लाख की आदिवासी आबादी निवास करती है, ऐसे में महज 186 विद्यार्थियों को हीं शिक्षा ऋण देना केन्द्र की मोदी सरकार की बैंक नीति की प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक आदिवासियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि आदिवासी भविष्य को संवार सकें और देश के विकास में भागीदार बन सके। उन्होंने कहा कि बैंकों को अधिक से अधिक आदिवासियों और अनुसूचित जातियों को न केवल शिक्षा ऋण देना चाहिए बल्कि कृषि एवं व्यवसाय के लिए भी ऋण देने में तत्परता दिखानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करने के बावजूद राज्य की हेमन्त सरकार विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ रही है।अपने पूरे कार्यकाल में झारखण्ड को एक अलग मुकाम दिलाकर रहेगी।