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कोरोना के हवा में सबसे पहला प्रहार स्कूल और कॉलेजों में क्यों हो रहा : पासवा

रांचीप्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर ऐसोसिएशन पासवा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि कोरोना के हवा में सबसे पहला प्रहार स्कूलों और कॉलेजों पर ही क्यों होता है। स्कूलों के खिलाफ माहौल अलग से तैयार किये जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि झारखंड का एजुकेशन सेक्टर बंदी की मार झेलकर तबाही के कगार पर है। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान सबसे पहले बंद कर दिये जाते हैं। राजधानी रांची समेत धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, पलामू, देवघर, बोकारो, संथालपरगना जैसे शहरों के निजी शिक्षण संस्थानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पिछले मार्च से लेकर अब तक लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा निजी शिक्षण संस्थानों पर पड़ी है। कई निजी स्कूल तो बंद हो गये हैं,और कई बंदी के कगार पर खड़े हैं।
पासवा राज्य इकाई के अध्यक्ष ने कहा स्कूल, कॉलेज, कोचिंग बंद होने से इससे जुड़े लाखों की आजीविका तबाह हुई है। कोरोना से बचाव बेहद जरूरी है पर जैसे अन्य सेक्टर बचाव करते हुए खुले हैं, वैसे ही सावधानी बरते हुए निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने का भी कोई मार्ग निकाला जाना चाहिए,ताकि विद्यार्थियों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जा सके।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल जो पूरी तरह से कोरोना संकट को अवसर में बदल रहे हैं, जो गरीबों का दोहन कर रहे है, वहां कोई नहीं बोल रहा है। लेकिन 20 हजार से अधिक निजी विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को तनाख्वाह नहीं मिल रही है, उनके समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है,स्कूलों के खिलाफ हर कोई लूटने का आरोप लगा रहा है,जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री जी ने शिक्षण संस्थानों की रक्षा एवं उनके आर्थिक सहायता की कोई बात नहीं करते हैं।आलोक दूबे ने कहा कि सरकार, आईएएस अधिकारी और शिक्षाविदों को स्कूल, कॉलेजों एवं बच्चों के पठन पाठन को लेकर गंभीरतापूर्वक मंथन करना चाहिए और कोई रास्ता निकालना चाहिए। वरना बच्चों के लिए लगातार स्कूल का बंद रहना ठीक नहीं हैं।
पासवा अध्यक्ष ने कहा बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है जिससे कोई समझौता नही की जानी चाहिए लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि शिक्षण संस्थानें बंद ना हो और पठन पाठन भी चले।इस बाबत पासवा अध्यक्ष आलोक दूबे ने आपदा सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर कोई रास्ता निकालने की मांग की है।स्वास्थ्य मंत्री ने पासवा प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से बात करने एवं ठोस पहल करने की बात कही है।

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