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सांसद जयंत सिन्हा ने झारखण्ड के 17 मजदूरों को वापस देश लाने हेतु आबूधाबी में भारत के राजदूत से किया संपर्क

हज़ारीबाग। सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा क्षेत्रवासियों की सहायता हेतु सदैव प्रतिबद्ध रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के होते हुए प्रत्येक भारतीय इस विश्वास से जीता है की सरकार उनके लिए सदैव तत्पर है। सांसद जयंत सिन्हा देश-विदेश में रह रहे हज़ारीबाग एवं रामगढ़वासियों की आवश्यकताओं व उनकी सहायता के लिये बिना किसी देरी के उपलब्ध रहे हैं।

जब उन्हें ज्ञात हुआ कि हज़ारीबाग, झारखण्ड के 2 मज़दूर संयुक्त अरब इमारात (UAE) की राजधानी आबू धाबी में फंसे हुए हैं। उनके साथ झारखण्ड और बिहार के 17 अन्य मज़दूर भी हैं। इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्होंने मज़दूरों से संपर्क कर सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त की और उन्हें भारत वापस लाने हेतु आबू धाबी में भारतीय राजदूत पवन कपूर से संपर्क किया।

जयंत सिन्हा ने उनसे कहा कि इन सभी मज़दूरों ने मुझसे संपर्क कर आवेदन के माध्यम से सहायता मांगी है। आवेदन में बताया गया है कि यह सभी मज़दूर एक एजेंट के साथ आबू धाबी में एक कंपनी में 17 नवंबर 2020 को काम करने गए थे। मगर एजेंट द्वारा इन्हें दूसरी कंपनी में काम करवाया गया, जहां इन लोगों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। इनको एक कमरे में ज़बरदस्ती रखा गया है और दिन में सिर्फ एक बार भोजन दिया जा रहा है।

इस कारण कुछ लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। यह सभी लोग भारत वापस आना चाहते हैं। उन्होंने माननीय भारतीय राजदूत से आग्रह किया है कि वे झारखण्ड के इन मज़दूरों को भारत वापस लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। जयंत सिन्हा ने कहा कि मैंने लगातार इस मामले पर अपनी दृष्टि बनाई हुई है। मैं सभी मज़दूरों की सकुशल भारत वापसी के लिए सभी प्रयास कर रहा हूँ।

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