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कोरोना की चपेट में आये दिग्गज कांग्रेसी बीके लाल, हुआ निधन

पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता बीके लाल का निधन हो गया. कोरोना संक्रमित होने होने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में 25 अप्रैल की शाम एडमिट किया गया था.
इसी दिन देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली. वे बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य थे.1973 से 1994 की अवधि में उन्होंने लोकहित के कई विषयों को उठाया था. उनके निधन पर कांग्रेसी और भाजपा नेताओं सहित अन्य गणमान्य लोगों ने संवेदना व्यक्त की है.

छोटानागपुर लॉ कॉलेज की स्थापना में अहम भूमिका

रांची में जन्मे और पले बढे बसंत कुमार लाल ने रांची यूनिवर्सिटी से ही अपनी पढाई पूरी की थी. उनकी चार बहन हैं. भाई में वे अकेले थे. ग्रेजुएशन, पीजी के अलावा उन्होंने वकालत की भी डिग्री ली थी. यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे थे. इसके बाद से सक्रिय राजनीति में आये थे.
दक्षिण बिहार में उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी. पूर्व मंत्री मुचि राय मुंडा के वे बेहद करीबी लोगों में से थे. विधान परिषद सदस्य बनने के बाद उन्होंने शिक्षा, रोजगार के विषयों पर बहुत काम किया था. छोटानागपुर लॉ कॉलेज के वे फाउंडर मेंबर भी थे. रांची यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट सदस्य भी रहे.

बड़ी क्षति: काली चरण मुंडा

पूर्व कांग्रेसी विधायक काली चरण मुंडा ने बीके लाल के निधन को बड़ी क्षति बताया है. खूंटी विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी इसे व्यथित करने वाली घटना बताया है. कहा है कि बीके लाल ने समाज में हमेशा अपनी सार्थक भूमिका निभाई. वे सदा अविस्मरणीय रहेंगे.

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