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JPSC के पेपर वन के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ना गलत

 हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि जेपीएससी के शपथ पत्र पर यदि याचिकाकर्ता जवाब दाखिल करना चाहते हैं, तो वे दाखिल कर सकते हैं। इस संबंध में कृष्ण मुरारी चौबे सहित अन्य अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कहा गया कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी करने में गड़बड़ी की गई है। जेपीएससी ने पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को भी कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है, जो नियमानुसार गलत है। क्योंकि विज्ञापन में स्पष्ट कहा गया था कि पेपर वन सिर्फ क्वालिफाइंग के लिए होगा। इसका अंक कुल प्राप्तांक में नहीं जुड़ेगा। ऐसे में अंतिम परिणाम को निरस्त कर देना चाहिए। वहीं, जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जेपीएससी के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है।

कैडर चयन में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के मामले में जेपीएससी से मांगा जवाब

कैडर चयन में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के मामले में दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई दस सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि वे आरक्षित श्रेणी से आते हैं, लेकिन उनका चयन सामान्य श्रेणी में कर दिया गया।

याचिका सुनवाई योग्य नहीं है

इससे उन्हें कैडर चुनने में प्राथमिकता नहीं मिल पाई। वहीं, जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। सामान्य श्रेणी के निर्धारित कट ऑफ माक्र्स से ज्यादा अंक प्राप्त करने की वजह से उनका चयन सामान्य श्रेणी में किया गया है, इसलिए इनको कैडर सामान्य श्रेणी के अनुसार ही मिला है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जेपीएससी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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