नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है।महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी भी) झारखंड, रांची के एक राजपूत परिवार में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान रह चुके हैं। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए।
धोनी भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, 2007–08 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज , २०११ क्रिकेट विश्व कप, आइसीसी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी २०१३ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराया। उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई। ०२ सितम्बर २०१४ को उन्होंने भारत को २४ साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई।
माही टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे हैं जिन्होंने अपनी अगुआई में भारत को सफलता की नई बुलंदियों पर पहुंचाया था। किसी को शायद ही पता था कि महेंद्र सिंह धौनी को जब टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी जाएगी तो वो इस टीम को उस बुलंदी तक पहुंचा देंगे जिसकी कल्पना भी शायद ही की जा सकती है। राहुल द्रविड़ द्वारा कप्तानी छोड़ने के बाद धौनी के हाथ में कप्तानी सौंपी गई और उन्होंने साल 2007 में पहली बार आयोजित टी20 वर्ल्ड कप में युवा भारतीय खिलाड़ियों के साथ साउथ अफ्रीका में भारत का परचम लहरा दिया। धौनी ने अपने इस अंदाज से दिखा दिया कि आगे वो क्या करने वाले हैं।
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इसके बाद उनका सफर आगे बढ़ता गया और टीम एक से बढ़कर एक नई कामयाबी हासिल करती रही। फिर वक्त आया साल 2011 का जब भारत में वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया। ये टीम इंडिया के लिए सुनहरा मौका था अपनी धरती पर अपने फैंस के सामने फिर से दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीतने का। माही की अगुआई में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपना सफर शुरू किया और 28 साल के बाद धौनी ने एक बार फिर से देश के देशवासियों को वो खुशियां दी जिसका इंतजार 1983 के बाद से लगातार किया जा रहा था। धौनी ने भारत को दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाया।
धौनी की सफलता का करवां यही नहीं रुका वो आगे बढ़ते रहे, टीम इंडिया भी आगे बढ़ती रही और फिर साल 2013 में उन्होंने आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी टीम को दिलवाया। उनकी कप्तानी में भारत ने दो बार यानी साल 2010 और 2016 में एशिया कप खिताब भी जीता था। माही दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने आइसीसी के सारे खिताब अपनी कप्तानी में जीते। महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट की कप्तानी भी पूरी दुनिया को चौंकाते हुए अचानक से छोड़ दी थी और एक बार फिर से उन्होंने अपने चाहने वालों को चौंकाते हुए एक बड़ा फैसला लिया।
अब इंटरनेशनल क्रिकेट में माही का अंदाज तो हमें देखने को नहीं मिेलेगा। धौनी का नाम सामन आते ही उनका कूल अंदाज नजर के सामने आता है जो किसी भी परिस्थिति में अपना आपा नहीं खोता था। कप्तान के तौर पर तो धौनी हिट थे ही एक खिलाड़ी यानी बल्लेबाज व विकेटकीपर के तौर पर भी उन्होंने जो पहचान बनाई वो अपनेआप में काबिलेतारीफ है।
पाकिस्तान के खिलाफ लंबे बालों में जब उन्होंने शतकीय पारी खेली तो वहां के उस वक्त राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ ने भी कहा था- आप अपने बाल मत कटवाना, आप इसमें बहुत कूल दिखते हैं। ये था माही का अंदाज और अब यही अंदाज हमें इंटरनेशनल क्रिकेट मैदान पर देखने को नहीं मिलेगा।
15 अगस्त 2020 का दिन यादगार बन गया क्योंकि इस दिन भारत के सबसे सफल कप्तान ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धौनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए और उनका बेस्ट स्कोर 224 रन था। वहीं विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने टेस्ट में विकेट से पीछे 256 कैच और 38 स्टंप किए।
वनडे कि बात करें तो उन्होंने 350 मैचों में 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए थे और बेस्ट स्कोर नाबाद 183 रन था। वनडे में उन्होंने 321 कैच और 123 स्टंपिंग किए। टेस्ट में उन्होंने 6 शशतक लगाए थे।