भोपाल – मध्य प्रदेश में सरकारी नाैकरियों के लिए नए नियम लागू करने की तैयारी है। इन नियमों के तहत ये सरकारी नाैकरियां सिर्फ स्थानीय युवाओं को ही मिलेंगी यानि मध्य प्रदेश में सरकारी कुर्सी पर केवल इसी राज्य का युवा बैठेगा दूसरे राज्य का नहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को इसके संकेत देते हुए ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा कि “मेरे प्यारे भांजे-भांजियों! आज से मध्यप्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्यप्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियां सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।”
शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है
मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो। वहीं, शिवराज सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने 15 अगस्त 2020 के अपने संबोधन में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है
गौरतलब है कि राज्य की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है। विधानसभा उपचुनाव से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान कई लोकलुभावन ऐलान कर रहे हैं। इससे पहले सीएम शिवराज ने ऐलान किया था कि आदिवासियों को साहुकारों के चुंगल के बचाने के लिए हम नया कानून ला रहे हैं। शिवराज सरकार की ओर से आने वाले नए कानून के तहत 15 अगस्त 2020 तक 89 अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को गैर लाइसेंसी साहूकार से लिया कर्ज नहीं चुकाना होगा। अब साहूकार कर्ज अदायगी के लिए दबाव भी नहीं बना सकेंगे। इतना ही नहीं कर्ज के बदले में कोई वस्तु या दस्तावेज गिरवी रखे गए हैं तो उन्हें भी वापस लौटाना होगा।