- क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर हाथियों ने दो लोगों को कुचल कर मार डाला
- वन विभाग क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा के लिए सुविधा मुहैया कराए:ममता देवी
- जंगली हाथियों को भगाने के लिए विशेष टीम को बुलाई जाए
रामगढ़।जिला के गोला प्रखण्ड मैं हाथियों ने पिछले दो-तीन दिनों से उपद्रव मचाना आरंभ कर दिया है। हाथियों ने पिछले रविवार की रात एक व्यक्ति को उसके बाद सोमवार की रात को एक व्यक्ति को कुचल कर मार दिया है। इससे गोला प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच भय और दहशत का माहौल दिख रहा है। जानकारी के अनुसार गोला प्रखंड के साडम पंचायत के जयन्ती बेडा में जंगली हाथियों ने अपनी चपेट में एक व्यक्ति को ले लिया।
जिससे कि सालम पंचायत के जयंती बेड़ा के रहने वाले सुलेमान अंसारी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। इस बात की जानकारी स्थानीय लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को दिया। साथ ही स्थानीय विधायक ममता देवी को भी जानकारी दी गई। विधायक श्रीमती ममता देवी को जानकारी मिलते ही उन्होंने अपने विधायक प्रतिनिधि अमित महतो को घटनास्थल भेजा। विधायक ने तुरन्त फोरेस्ट विभाग से बात कर 5000 नगद व आपदा विभाग से 4 लाख रुपए मुआवजा व अंबेडकर आवास दिलाने की बात कहीं।
फोरेस्ट विभाग के अधिकारियों से बात कर उन्होंने कहा की जंगली हाथियों को यहां से भगाने को लेकर टीम बुलाया जाए। ग्रामीणो को टॉर्च, लाइट,स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था कराई जाए। क्योंकि आए दिन जंगली हाथियों का उत्पात से ग्रामीण भयभीत रहते हैं।इनकी फसलों को हाथियों द्वारा नष्ट कर दी जाती है।फसलों को मुआयना कर इन्हें उचित मुआवजा भी दी जाए।
हाथी भगाओ दस्ते को रोजाना पेट्रोलिंग के लिए भेजी जाए। ताकी ग्रामीण अच्छी तरह से रह सके। घटना की सूचना मिलते ही गोला वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पहुंचे। घटना की जानकारी वरीय अधिकारियों को भी दी गई है। मौके पर पीड़ित परिवार को सहयोग दिलावर अंसारी, मेराज, ताहिर, वाहिद, रिजवान,सृष्टि,आशीष, कमलेश कुमार महतो, मुकेश महतो, अमर उपाध्याय ने किया।
वन विभाग मामले को ले रही है हल्के तरह से
रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष इस मौसम में हाथियों का उपद्रव मचता है। लेकिन वन विभाग कभी भी इस परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार नजर नहीं आती है। प्रत्येक वर्ष इस क्षेत्र में हाथी उपद्रव मचाते हुए जान-माल की नुकसान करते हैं।
प्रत्येक वर्ष जंगली क्षेत्र और उसके आसपास रहने वाले लोग हाथियों से बचने के लिए व्यवस्था की मांग करते हैं। लेकिन वन विभाग के लोग काफी घटनाओं के घटने के बाद जागते हैं। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जब कुंभकरणी नींद खुलती है।तब तक कई घटनाएं घट जाती है। इस वर्ष भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है।