बामको। पश्चिम अफ्रीकी देश माली में चल रहे भारी उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले विद्रोही सैनिकों ने देश के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को बंधक बना लिया है। बता दे कि राष्ट्रपति को हटने की मांग को लेकर देश में कई महीने से प्रदर्शन हो रहे थे और अब विद्रोही सैनिकों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया।
संसद भंग होने के कुछ घंटों बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया
राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने मंगलवार को संसद भंग होने के कुछ घंटों बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सर्जिकल मास्क पहने राष्ट्रपति कीता ने स्थानीय टेलीविजन पर अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उनके चेहरे पर स्पष्ट तौर पर तनाव दिख रहा था। इससे थोड़ी देर पहले ही प्रधानमंत्री बाउबो सिसे व राष्ट्रपति कीता के साथ कई शीर्ष अधिकारियों को सैनिकों ने हिरासत में ले लिया था। राष्ट्रपति ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि वो संसद और सरकार भी भंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरे शासनकाल में खून-खराबा हो। अगर आज हमारे सशस्त्र बलों के कुछ लोग मेरे शासन में हस्तक्षेप कर इसका अंत चाहते हैं तो मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है।
माली सरकार के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र
इसपर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बिना शर्त तुरंत रिहाई की मांग की है। महासचिव गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजार्रिक की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘महासचिव ने माली के हालातों की निंदा की है और देश में कानून के नियमों और संवैधानिक आदेशों की तुरंत बहाली के आदेश दिए हैं।’ इसमें यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मिलकर समाधान निकालने व शांतिपूर्ण समझौते पर जोर दिया है। साथ ही उन्होंने अफ्रीकी यूनियन और पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है। माली पहले फ्रांस के अधीन था।