लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के कालखंड में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने सिखाई है. उन्होंने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और यह है ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन”…
डॉक्टर्स और अस्पतालों के लिए भी नियम
यह एक स्वैच्छिक प्लेटफॉर्म है जहां आप अपनी मर्जी से रजिस्टर कर सकते हैं. इससे जुड़ने के लिए कोई बाध्यता नहीं होगी. ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान” के जरिये किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी उसकी सहमति से ही सरकार अपने पास रखेगी. उसकी सहमति से ही रिकॉर्ड साझा किये जायेंगे. इसी प्रकार डॉक्टर्स और अस्पतालों के लिए भी नियम बनाये गये हैं. उनकी सहमति से ही उनकी जानकारी भी साझा कि जायेगी.
आयुष्मान भारत के बाद यह उसी तरह की दूसरी योजना
सरकार का मानना है कि ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान” की सफलता के लिए सभी को आने आना होगा. माना जा रहा है कि आयुष्मान भारत के बाद यह उसी तरह की दूसरी योजना साबित होगी.
वित्त मंत्रालय ने 470 करोड़ रुपये की मंजूरी दी
जानकारी के अनुसार इसकी शुरुआत पहले देश के चुनिंदा राज्यों में की जायेगी इसके बाद अलग-अलग चरणों में पूरे देश में लागू किया जायेगा. इस योजना के लिए वित्त मंत्रालय ने 470 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इसमें हेल्थ आईडी धारकों के डाटा की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जायेगा लऔर उनकी मर्जी के बिना उनकी जानकारी किसी और को नही मिल पायेगी. इस यूनिक हेल्थ आईड को लोग आधार कार्ड से भी जोड़ सकते हैं इसके लिए भी विकल्प खुला रहेगा