पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के पीक का इंतजार हो रहा है। पीक यानी वह दिन जब कोरोनावायरस के पॉजिटिव केस बढ़ने की गति थम जाएगी और रिकवरी रेट बढ़कर 100% की ओर चलने लगेगा। तब हम मानेंगे कि कोरोनावायरस से पूरी तरह छुटकारा मिल गया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिसर्च टीम ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों पर स्टडी की है, ताकि इसके आर्थिक पक्ष को समझा जा सके। अलग-अलग देशों में पीक का अध्ययन किया और पाया कि कई देशों ने 69% से 75% रिकवरी रेट होते ही कोरोनावायरस का अपना पीक हासिल कर लिया। यह भी कहा कि तकनीकी अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत में जिस दिन 75% रिकवरी रेट आ जाएगा, तब वह कोरोना का पीक होगा।
क्या भारत में कोरोना का पीक आ गया है?
- एसबीआई के रिसर्चर्स के अनुसार भारत में 30 जुलाई के बाद के 15 दिन में कोरोनावायरस के 10 लाख केस रिपोर्ट हुए। इस बीच, रिकवरी रेट भी बढ़कर 73% के आंकड़े को पार कर गया है। यानी रिकवरी रेट 2% और बढ़ा तो कोरोना का पीक आ जाएगा।
- इसके बाद भी पीक आया है या नहीं, इसे लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकता। इसकी एक वजह यह है कि ब्राजील में 69% पर जबकि सऊदी अरब में 64.9% पर ही कोरोना का पीक आ गया था। और तो और, अमेरिका में तो दो बार पीक पार कर चुका है।
भारतीय राज्यों में पीक कब आएगा?
- भारत में प्रत्येक राज्य के आंकड़े अपनी अलग ही कहानी कह रहे हैं। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में 27 राज्यों में कोरोना केस का अध्ययन किया। इसके अनुसार सिर्फ दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा यानी पांच राज्यों में ही कोरोना अपना पीक क्रॉस कर गया है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पीक काफी दूर है।
- पॉजिटिविटी रेट और प्रति दस लाख टेस्ट का एनालिसिस करें तो महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार और पश्चिम बंगाल में भले ही पॉजिटिविटी रेट ज्यादा हो, टेस्ट प्रति दस लाख आबादी के हिसाब से काफी कम है। जब तक टेस्ट की संख्या नहीं बढ़ेगी, तब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी।
65 दिन में पहुंचे 100 से एक लाख तक, उसके बाद 59 दिन में हो गए 10 लाख
- भारत में 100 से 1 लाख केस पहुंचने में 65 दिन का समय लगा। जाहिर है कि इस दौरान लॉकडाउन के सख्त नियम लागू थे। अनलॉक शुरू होते ही केस लगातार बढ़ते चले गए। सिर्फ 59 दिन में भारत एक लाख से दस लाख केस तक पहुंच गया।
- भारत में इस समय 22 दिन में केस डबल हो रहे हैं, जो अर्जेंटीना और यूएस जैसे देशों के बराबर है। हालांकि, दुनिया में केस डबलिंग रेट अब 43 दिन हो गया है।