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छावनी परिषद क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह हो गई है ठप

  • स्वच्छता सर्वेक्षण में रामगढ़ 9 वें से 35 वें पायदान पर पहुंचा
  • ठेकेदारों पर कार्यवाई क्यो नही करते सीईओ:धनंजय कुमार
  • सफाई के नाम पर छावनी परिषद में करोड़ो का खेल

रामगढ़ ।स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में रामगढ़ कैंट की दयनीय रैंक आने पर प्रदेश भाजपा नेता सह रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस ने छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार की कार्य शैली पर सवालिया निशान लगाते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।जारी बयान में धन्यवाद कुमार पुटूस ने कहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण की कैंटोनमेंट बोर्ड एरिया की 62 कैंट की रिपोर्ट में छावनी परिषद रामगढ़ 9 वें पायदान से 35 वे पायदान पर पहुंच गया है।

पिछले वर्ष जब रामगढ़ कैंट टॉप 10 में आया था

पिछले वर्ष जब रामगढ़ कैंट टॉप 10 में आया था जिसपर सीईओ अपनी पीठ थपथपा रहे थे,जबकि उस समय भी स्थिति खराब थी।लेकिन इस वर्ष 35 स्थान आने पर छावनी परिषद के सीईओ सपन कुमार की कार्य क्षमता पर सवालिया निशान लग गया है। इससे यह साबित होता है कि छावनी परिषद में सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। साथ ही आवंटित राशि की लूट भी हो रही है।
जबकि सालाना लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपया सफाई के नाम पर खर्च किया जा रहा है।

करोड़ो रुपया खर्च होने के बाद भी सफाई की स्थिति बहुत खराब

सफाई के नाम पर छावनी परिषद में व्याप्त लूट-खसोट और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए फंड की कमी का विधवा विलाप सीईओ सपन कुमार द्वारा किया जा रहा है। जनता अब यह जान चुकी है की छावनी परिषद के आठो वार्ड में सफाई ठेकेदार उच्च अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।आठो वार्ड में घूम कर देखा जा सकता है कि करोड़ो रुपया खर्च होने के बाद भी सफाई की स्थिति बहुत खराब है।
जरा सी बारिश होने पर कई नालियों का दूषित जल सड़को पर व कई लोगो के घरों में घुसने लग जाता है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में छावनी परिषद का 9 वे से 35 वे स्थान पर

ज्ञात हो कि पूर्व की सीईओ श्रीमती जे.एस.साल्वी के कार्यकाल में आठो वार्ड की सफाई हर वर्ष कुछ लाख में ही सम्पन्न हो जाती थी। लेकिन विगत कुछ वर्षों में सफाई के नाम पर सालाना लगभग साढ़े तीन करोड़ खर्च करने के बाद भी सफाई की स्थिति बहुत बदत्तर हो रही हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में छावनी परिषद का 9 वे से 35 वे स्थान पर आना इसकी पुष्टि करता हैं।

इतनी खराब सफाई व्यवस्था रहने पर भी सीईओ सपन कुमार द्वारा सफाई ठेकेदारों पर किसी प्रकार की कार्यवाई नही करना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

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