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खूंटी : जिले में भूंगरु विधि से पानी की खेती का शुभारम्भ

गांव करेगा विकास, तभी देश का होगा विकास : मनरेगा आयुक्त

ब्रजेश कुमार

खूँटी ।‌ जिले के तोरपा प्रखण्ड के महिला विकास केंद्र में खूंटी जिले का पहला जल संचयन भूंगरु आज स्थापित किया गया।जिसका शनिवार को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पानी की खेती (भूंगरु) विधि का उद्घाटन किया।

भूंगरु विधि से 20 एकड़ से ज्यादा की भूमि सिंचित की जा सकती है

जल संचयन के इस भूंगरु विधि से लगभग 20 एकड़ से ज्यादा की भूमि सिंचित की जा सकती है। इसके साथ ही साथ, बारिश में होने वाले पानी का संचयन भी भूंगरु विधि से आसानी से किया जा सकता है।

बारिश के बाद होने वाले पानी की कमी को लेकर यह पहला प्रयास जिले में किया गया है। पानी की खेती,जल संचयन का एक वैज्ञानिक विधि है।इस विधि से आसपास के जल स्रोतों को रिचार्ज करने में इसकी भूमिका अहम होती है। वाटर रिचार्ज के माध्यम से गर्मी का मौसम के आने से पहले ही जल संकट की समस्या से निजात पाया जा सकता है।

हमें गांव के विकास को प्राथमिकता देनी है

तोरपा में मनरेगा आयुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें गांव के विकास को प्राथमिकता देनी है। गांव का विकास होगा तभी शहरों को भी जीवन मिलेगा। जिनके मुख्य जीविकोपार्जन का साधन खेती है । खेती अच्छी होगी तभी गांव खुशहाल होगा। गांव के विकास के लिए गांव वालों को स्वयं आगे आकर पहल करनी होगी। साथ ही जो वैज्ञानिक तौर तरीके कृषि कार्य को उन्नत बनाने की जरूरत है। उसे भी ग्रामीणों तक पहुंचाना होगा।

टीसीबी, मेड़बंदी से अब लोगों को फायदा पहुंचने लगा

तकनीकी रूप से प्रशिक्षण देकर गांव के विकास को गति दी जा सकेगी। गांव में बनने वाले टीसीबी, मेड़बंदी से अब लोगों को फायदा पहुंचने लगा है। कम बारिश के समय खेत में लगे फसलों के लिए टीसीबी से पानी की समस्या दूर होगी और फसलों को टीसीबी, मेढ़बंदी के माध्यम से जलसंकट की समस्या दूर की जा सकेगी। कार्यक्रम में महिला विकास केंद्र की सिस्टर मारियालीना, सिस्टर चारुशीला समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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