बिहार के बाहुबली व पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह की उम्रकैद की सजा बरकरार रहेगी। हाई कोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को दोनों की अपील खारिज करते हुए सजा को बरकरार रखा। वहीं, इस मामले में प्रभुनाथ सिंह के भाई रितेश सिंह को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था
अदालत ने प्रभुनाथ सिंह व दीनानाथ सिंह को विधायक अशोक सिंह की हत्या के षड़यंत्र में शामिल होने की बात मानते हुए उनकी अपील खारिज की है। हजारीबाग कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ इन्होंने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। पूर्व में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
झारखंड के हजारीबाग की अदालत ने बिहार के मशरख विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ तीनों ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि मार्च 1995 में (एकीकृत बिहार के समय) विधायक अशोक सिंह की बम मारकर उनके सरकारी आवास में हत्या कर दी गई थी। उस समय वे आवास पर आए लोगों से मिल रहे थे। इस मामले में उनकी पत्नी चांदनी देवी ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाइयों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा गया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते विधायक की हत्या की गई है।
प्रभुनाथ सिंह को हराकर अशोक सिंह विधायक बने थे। इस मामले को उनकी पत्नी चांदनी देवी के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने हजारीबाग ट्रांसफर किया गया था। हजारीबाग की अदालत ने इस मामले में तीनों को मार्च 2017 को सजा सुनाई थी।