नई दिल्ली, एजेंसियां। अब रुपे कार्ड या भीम यूपीआई जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शनों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स (MDR) शुल्क नहीं लगेगा। यही नहीं यदि इस साल पहली जनवरी या इसके बाद किसी ट्रांजैक्शन पर यह शुल्क कटा है तो बैंक इसे ग्राहकों को लौटाएंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने रविवार को बैंकों को उक्त निर्देश जारी किए हैं। जारी सर्कुलर में कहा गया है कि इस साल पहली जनवरी या उसके बाद डिजिटल मोड के जरिए किए गए ट्रांजेक्शनों पर वसूले गए शुल्क को तत्काल रिफंड किया जाए।
पहली जनवरी या उसके बाद किए गए ट्रांजेक्शनों पर वसूले गए शुल्क को तुरंत रिफंड कर दें
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर शुल्क लगाने संबंधी आयकर अधिनियम की धारा-269SU के तहत बैंकों को उक्त निर्देश जारी किए हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि सभी बैंक आयकर कानून 1961 की धारा- 269SU के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए पहली जनवरी या उसके बाद किए गए ट्रांजेक्शनों पर वसूले गए शुल्क को तुरंत रिफंड कर दें। यही नहीं बैंकों से यह भी कहा गया है कि डिजिटल माध्यमों से किए जाने वाले भविष्य के किसी भी लेनदेन पर कोई शुल्क न लगाए।
वित्त अधिनियम में धारा-269SU के रूप में एक नया प्रावधान जोड़ा है
सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शनों को बढ़ावा देने के लिए वित्त अधिनियम में धारा-269SU के रूप में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले व्यक्ति तत्काल प्रभाव से तय इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करें। दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि पहली जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए भुगतान करने पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स यानी MDR समेत कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा।