Breaking News

रांची में जेईई:बाइक से 12 घंटे का सफर तय कर बेटी को पहुंचाया सेंटर

राजधानी रांची का आईएनओ तुपुदाना अन्य दिनों की अपेक्षा मंगलवार को ज्यादा गुलजार रहा। यहां जेईई मेन एग्जाम का सेंटर जो था। तमाम अभिभावक अपने बच्चों को सेंटर तक छोड़ने आए थे। जब तक बच्चे सेंटर के अंदर तक नहीं चले गए, उनकी निगाहें उन्हें ढूंढ़ती दिखी। इसी बीच एक ऐसे भी पिता मिले, जिन्होंने अपनी बेटी को एग्जाम सेंटर तक पहुंचाने के लिए बाइक से 12 घंटे का सफर तय किया। उनका बस यही कहना है कि बच्ची के भविष्य से ज्यादा बड़ा कोई काम नहीं।

बेटी बोकारो थर्मल में मां के साथ थी

एग्जाम शुरू होने के बाद सारे अभिभावक पास के ढाबे में बैठ गए और आपस में बातें करने लगे। इन्हीं में से एक थे धनंजय कुमार। पेशे से वो किसान हैं पर बेटी काे एक सफल इंजीनियर के रूप में देखना चाहते हैं। उनकी पत्नी सीआइएसएफ, बोकारो थर्मल में पोस्टेड हैं। धनंजय ने बताया कि बेटी ने एग्जाम सेंटर रांची चुना था पर वो अपनी मां के साथ बोकारो थर्मल में रहती है। एग्जाम डेट की घोषणा के बाद यह समझ नहीं आ रहा था कि बेटी सेंटर तक कैसे पहुंचेगी। क्योंकि वो नालंदा (बिहार) में थे। लॉकडाउन की वजह से बिहार से झारखंड तक चलने वाली बसों का परिचालन भी फिलहाल बंद हैं।

तेज नींद आई तो चाय पी और फिर निकल पड़े बाइक से

धनंजय ने बताया कि काफी सोच विचार के बाद एक ही विकल्प सामने आया कि अब उन्हें ही किसी तरह बोकारो थर्मल पहुंचना होगा। ताकि वहां से बेटी को रांची समय पर पहुंचाया जा सके। फिर क्या था, धनंजय ने अपनी बाइक उठाई और बिहार से निकल पड़े झारखंड के लिए। इस दौरान उन्हें काफी नींद भी आने लगी। पर उनका सोना समय बर्बाद करना था। धनंजय ने सड़क किनारे बाइक खड़ी की, चाय पी और फिर से निकल पड़े बेटी के भविष्य व अपने सपने को साकार करने के लिए।

बाेकारो थर्मल पहुंचने पर भी उन्होंने आराम नहीं किया

करीब 8 घंटे के सफर के बाद धनंजय सोमवार को 12 बजे दोपहर बोकारो थर्मल पहुंच गए। उन्होंने वहां भी आराम नहीं किया और बेटी को बाइक पर बिठाया और रांची के लिए रवाना हो गए। इस बीच भी उन्हें काफी तेज नींद आने लगी। थक-हार कर उन्होंने बाइक को सड़क किनारे खड़ी की और थोड़ी देर की झपकी ली। इसके बाद फिर रांची की सड़क की ओर निकल पड़े। करीब 4 घंटे का सफर तय कर धनंजय अपनी बेटी के साथ रांची पहुंच गए। यहां फिरायालाल में उनकी बहन रहती है। धनंजय वहीं पहुंचे और इसके बाद ही आराम किया।

धनंजय ने बताया कि मंगलवार की सुबह 7 बजे आईएनओ तुपुदाना के लिए निकले और बच्ची को एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया। इस थकान भरे सफर के बाद भी उनके चेहरे पर संतोष और चैन भरी खुशी देखी जा सकती थी। उन्होंने बताया कि कल बेटी का बीटेक का एग्जाम टाटीसिल्वे रांची में हैं। वहां से वापस आने के बाद गुरुवार की सुबह 4 बजे वो फिर बाइक से नालंदा के लिए रवाना हो जाएंगे। बिहार से झारखंड के लिए बस का संचालन नहीं होना उनके लिए परेशानी भरा रहा। पर धनंजय का कहना है कि बच्ची के भविष्य का सवाल है। जीवन में परेशानी तो चलती रहती है।

Check Also

शहर में 22 जनवरी को निकलेगा भव्य शोभा यात्रा:श्री राम सेना

🔊 Listen to this रामगढ़lश्री राम सेना,रामगढ़ के द्वारा 11 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया …