- भारत चीन सीमा पर सैनिकों की बहादुरी की हो रही चर्चा
रामगढ़। भारत चीन सीमा विवाद में ब्लैक टॉप पर कब्जे को लेकर चाइना के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि भारतीय सेना ने एलएसी का उल्लंघन किया है। चाइना के सीमा में प्रवेश कर वहां उनकी जमीन पर कब्जा किया है। इस संबंध में भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक रंजन फौजी ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि हर एक भारतीय को सेना के पराक्रम पर गर्व है।भारतीय सेना ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि यह 1962 की नहीं बल्कि 2020 की भारतीय सेना है, यह सेना चौकन्नी है।दुश्मन के किसी भी गलत मंसूबे को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।उन्होंने कहा कि फौज वही है लेकिन सरकार के दृष्टिकोण से बहुत फर्क पड़ता है।आज भारतीय सेना को पूर्ण रूप से छूट है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से वह हर एक उचित कदम उठा सकता है।
भारतीय सेना इस भूभाग की रक्षा करने में सक्षम
उन्होंने विपक्षी पार्टियों से आग्रह किया है कि आपसी विरोध में हम सेना का मनोबल ना गिराए।ऐसे समय में जब सेना भारत भूमि की रक्षा के लिए सीमा पर अपनी जान को दांव पर लगाकर दुश्मन की हर एक चुनौती का सामना कर रहा है एवं ईट का जवाब पत्थर से दे रहा है। इस वक्त हम सभी भारतीयों को आपसी भेदभाव को मिटा कर सेना के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने की आवश्यकता है।आने वाला समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण होने वाला है।चाहे वह पाक अधिकृत कश्मीर हो, अक्साई चीन या चाइना के द्वारा 1962 में अवैध रूप से भारतीय जमीन पर कब्जे की बात हो यह सारा भूभाग भारत का है। भारतीय सेना इस भूभाग की रक्षा करने में सक्षम है।