- झामुमो ने इस पत्र पर कई सवाल उठाये
राज्य सरकार ने राज्य की 7 लौह अयस्क खदानों को जेएसएमडीसी के लिए रिजर्व करने की योजना बनायी है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस पर आपत्ति जताते हुए बुधवार को केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा था. झामुमो ने इस पत्र पर कई सवाल उठाये हैं. पार्टी महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के अनुसार बाबूलाल मरांडी जनता को गुमराह कर रहे हैं. पहले वे खुद लौह अयस्क समूहों के खिलाफ आवाज उठाते थे. अब भाजपा में जाने के बाद उनकी पैरवी करने लगे हैं. राज्य सरकार के उपक्रमों को संसाधनों से परिपूर्ण करना राज्य सरकार का दायित्व है. इससे झारखंड के मूलवासी-आदिवासी लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्य का खजाना भी राज्य में ही सुरक्षित रहेगा.
वे इन्हीं सात लौह अयस्क खदान के लाइसेंसधारकों के खिलाफ बोलते थे
सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक साल भर पहले बाबूलाल मरांडी झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष थे. उस दौरान वे इन्हीं सात लौह अयस्क खदान के लाइसेंसधारकों के खिलाफ बोलते थे. रघुवर राज में इनको फायदा पहुंचाये जाने के बारे में सवाल उठा चुके हैं. राज्य सरकार के उपक्रम पीटीपीएस (पतरातू थर्मल पावर स्टेशन) को रघुवर सरकार ने भारत सरकार के उपक्रम एनटीपीसी को दे दिया था. पीएम नरेन्द्र मोदी और पूर्व सीएम रघुवर की सरकार ने गोड्डा में अडानी पावर लिमिटेड को जमीन, कोयला खदान और जल संसाधन मुहैया कराया. इससे उत्पादित होनेवाली बिजली अडानी समूह बांग्लादेश को बेचेगा. राज्य को इसमें एक यूनिट बिजली भी नहीं मिलेगी. इस दौरान बाबूलाल ने जो कहा था, उसे उन्हें याद करना चाहिए.
बाबूलाल मरांडी को ऐसे विषयों पर गंभीरता से बात रखनी चाहिए
सरकारी उपक्रमों की मजबूती से देश की आर्थिक शक्ति मजबूत होती है. ऐसे में राज्य सरकार के उपक्रमों को संसाधनों से समृद्ध किया जाना चाहिए. इससे राज्य के लोगों को रोजगार भी मिलेगा. बाबूलाल मरांडी को ऐसे विषयों पर गंभीरता से बात रखनी चाहिए, अन्यथा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी जगहंसाई होगी.