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अक्टूबर से पहले पता चल जाएगा कि किस देश का वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव

  • वैक्सीन को विकसित करने का काम तेज

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिए थे कि तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले हाई-रिस्क ग्रुप्स तक कोरोना का वैक्सीन पहुंचा दिया जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को विकसित करने का काम तेज हो गया है। वैक्सीन के ट्रायल्स को ट्रैक कर रही एक एनालिटिकल फर्म ने दावा किया है कि सितंबर में ही ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका, फाइजर और मॉडर्ना के फेज-3 ट्रायल्स के शुरुआती नतीजे मिल जाएंगे। इस आधार पर वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया भी तेज की जा सकती है। इसी तर्ज पर दवा कंपनियों की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। फाइजर ने तो दावा किया है कि अक्टूबर से पहले पता चल जाएगा कि उसका वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव है या नहीं। यदि सेफ निकला तो यूएस एफडीए के सामने अक्टूबर में ही वैक्सीन को अप्रूवल के लिए पेश कर दिया जाएगा।

सितंबर में आएंगे शुरुआती नतीजे

  • ड्रग ट्रायल्स को ट्रैक करने वाली एनालिटिक्स कंपनी एयरफिनिटी ने दावा किया है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोवीशील्ड वैक्सीन अब तक प्रभावी साबित हुआ है। फेज-3 के नतीजे के शुरुआती नतीजे 15 सितंबर तक सामने आ जाएंगे।
  • ऐसे में, यह भी महत्वपूर्ण है कि एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ विकसित किए कोवीशील्ड के तीन करोड़ डोज यूके में सितंबर अंत तक डिलीवर करने का वादा किया है। इस बीच, शिकागो में भी कोवीशील्ड के फेज-3 ट्रायल्स शुरू हो गए हैं।
  • अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मीटिंग 22 अक्टूबर को है। इसमें वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पर चर्चा होगी। मॉडर्ना, फाइजर-बायोएनटेक के साथ ही ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन की इफेक्टिवनेस इससे पहले पता चल सकती है।

फाइजर अक्टूबर में मांगेगा अप्रूवल

  • अमेरिकी ड्रगमेकर फाइजर का कहना है कि अक्टूबर तक पता चल जाएगा कि उसका वैक्सीन सफल रहेगा या नहीं। यदि सफल रहा तो अक्टूबर में ही कंपनी इस वैक्सीन के अप्रूवल को लेकर यूएस एफडीए से संपर्क कर लेगी।
  • फाइजर ने बुधवार तक 23 हजार लोगों को वैक्सीन टेस्ट के लिए एनरोल कर लिया है। फाइजर के चीफ एक्जीक्यूटिव अल्बर्ट बौरला ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में दावा किया कि फाइजर के बेल्जियम समेत अन्य प्लांट्स पर हजारों डोज पहले ही तैयार कर लिए हैं। यह वैक्सीन फाइजर और जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक मिलकर बना रहे हैं।
  • यह भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने देश के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को हाई-रिस्क ग्रुप्स तक अक्टूबर अंत या नवंबर के पहले हफ्ते तक वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी करने को कहा है। फाइजर के दावे को इससे ही जोड़कर बताया जा रहा है। उधर, अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का वैक्सीन भी फेज-3 के ट्रायल्स में है।

स्टडी में सेफ निकला नोवावैक्स का वैक्सीन

  • न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में बुधवार को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के वैक्सीन के शुरुआती नतीजे प्रकाशित हुए हैं। अमेरिकी सरकार ने वैक्सीन विकसित करने में मदद के तौर पर इस कंपनी को 1.6 अरब डॉलर दिए हैं। यह वैक्सीन तीन हफ्ते के अंतर में दो डोज में दिया जाता है।
  • स्टडी में 108 स्वस्थ लोगों में दो डोज के लेवल्स की जांच की गई। इनकी तुलना 23 अन्य लोगों से की गई जिन्हें प्लेसेबो शॉट्स दिए गए। जिन्हें वैक्सीन दिया उनमें से ज्यादातर एडजुवंट भी दिया ताकि वैक्सीन के इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ाया जा सके। इसका लिमिटेड सप्लाय भी बढ़ाया गया।

चीन ने एविएशन इंडस्ट्री के लिए पेश किया वैक्सीन

  • चीन ने एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े कर्मचारियों के लिए अपने प्रायोगिक वैक्सीन की पेशकश की है। इकोनॉमी खुल रही है। ऐसे में हाई-रिस्क ग्रुप्स को सुरक्षित बनाने की कोशिश हो रही है। चीन की पेशकश को इसी दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।
  • चीन के चार कोविड-19 वैक्सीन इस समय ह्यूमन ट्रायल्स के दौर में है। चीन ने जुलाई में ही वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल का प्रोग्राम लॉन्च कर दिया था। इसका उद्देश्य बॉर्डर इंस्पेक्टर या मेडिकल इंडस्ट्री से जुड़े कर्मचारियों की इम्यूनिटी बढ़ाना था।
  • चीनी एयरलाइंस, एयरपोर्ट्स, चाइना नेशनल एविएशन फ्यूल ग्रुप और ट्रैवलस्काय टेक्नोलॉजी के फ्रंटलाइन कर्मचारियों को स्वैच्छिक आधार पर वैक्सीन उपलब्ध कराए हैं। चीन के एविएशन रेगुलेटर के नोटिस में यह बात सामने आई है।

सनोफी, जीएसके के प्रोटीन-बेस्ड वैक्सीन का ट्रायल शुरू

फ्रेंच ड्रगमेकर सनोफी और ब्रिटिश कंपनी जीएसके ने अपने प्रोटीन-बेस्ड कोविड-19 वैक्सीन कैंडीडेट के क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिए हैं। सनोफी और जीएसके ने गुरुवार को कहा कि फेज-1/2 ट्रायल्स शुरू कर दिए हैं। इस वैक्सीन कैंडिडेट में उसी प्रोटीन-बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इसमें सनोफी के सीजनल इनफ्लुएंजा वैक्सीन के साथ जीएसके की स्थापित एडजुवंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।

कोवैक्स एक्सेस प्लान में 76 रईस देश शामिल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोवैक्स प्रोजेक्ट को अब 76 अमीर देशों का सहयोग मिल रहा है। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में जिम्मेदारी के साथ सबको यह वैक्सीन उपलब्ध कराना है।
गावी वैक्सीन अलायंस के चीफ एक्जीक्यूटिव सेथ बर्कले ने कहा कि कोवैक्स प्लान में अब जापान, जर्मनी, नॉर्वे के साथ-साथ 70 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत उन्होंने अपनी आबादी के लिए कोविड-19 वैक्सीन खरीदने पर रजामंदी दी है।

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