Breaking News

साहिबगंज:शिक्षक दिवस पर गांव देहातों के बच्चों में दिखा मायूसी, ऑनलाइन वेबिनार से जुड़ कर लिया भाग

  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शुरुआती जीवन तिरुतनी और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही बीता:शाहबाज

बरहेट। वैश्विक महामारी करोना काल मैं जहां पूरी दुनिया के साथ-साथ देश के हर गांव कस्बे के स्कूल कोचिंग संस्था निजी संस्था बंद पड़े हुए हैं वहां इस शिक्षक दिवस पर वित्तीय वर्ष के जैसा चहल पहल देखने को नहीं मिला हर बार की तरह इस बार उपहार के दुकानों में छात्रों की कमी देखी गई।शहर से दूर गांव देहात के बच्चों में मायूसी देखी गई वही लिटिल स्टार पब्लिक स्कूल सनमनी की ओर से ऑनलाइन जूम मीटिंग गूगल मीट के माधयम से छात्र-छात्राओं ने अपने गुरुओं को बधाई दिया।स्कूल के प्राचार्य मो शाहबाज आलम,मो मुमताज अंसारी,मो शफीक अंसारी,तारेस एवं कुछ बच्चो को लेकर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए स्कूल प्रांगण में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस के रूप में उनके तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।मौके पर स्कूल प्राचार्य महोदय मोहम्मद शाहबाज आलम ने बताया कि हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी,एक बार छात्रों के एक समूह से भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी.इस पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय,5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे सौभाग्य की बात होगी.उसके बाद 1962 से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

कौन थे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन?

डॉ राधाकृष्णन का जन्म एक मध्य वर्गीय परिवार में हुआ था. ऐसा माना जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए.डॉक्टर राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे.उनके चार भाई और एक छोटी बहन थी छः बहन-भाईयों और दो माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी. भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को बचपन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शुरुआती जीवन तिरुतनी और तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही बीता.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी,एक महान शिक्षाविद,महान दार्शनिक,महान वक्ता होने के साथ ही विज्ञानी हिन्दू विचारक भी थे.राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में बिताए।

बोरिओ कांग्रेस कमेटी ने शिक्षक दिवस मनाया

बोरियों प्रखंड कांग्रेस कमेटी के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में बोरियो प्रखंड कांग्रेस कार्यालय में मोमबत्ती जलाकर एवं केक काट डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन मनाया इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनुकूल मिश्रा ने पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाश डाला।मौके पर प्रदेश प्रतिनिधि मुरशाद अली, जोनल प्रवक्ता अशोक पासवान, मोहम्मद सलाउद्दीन,जिला सचिव रंजीत सिंह,बोरियो प्रखंड अध्यक्ष राजेश सिंह,एसएनयूआई जिला उपाध्यक्ष अविनाश ओझा,जिला उप प्रमुख मोहम्मद अल्ताफ अली,युवा कांग्रेस के नगर अध्यक्ष आदित्य ओझा,दिलीप कुमार गुप्ता,आकाश चौधरी,प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पूनम किरण चौरसिया,सतनारायण स्वर्णकार एवं सुभाष गुप्ता उपस्थित थे।

Check Also

शहर में 22 जनवरी को निकलेगा भव्य शोभा यात्रा:श्री राम सेना

🔊 Listen to this रामगढ़lश्री राम सेना,रामगढ़ के द्वारा 11 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया …