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झारखंड में टाना भगतों के तीन दिन की आर्थिक नाकेबंदी से रेलवे को 100 करोड़ का नुकसान

लातेहार : झारखंड  के लातेहार  में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन और जंगलों पर अपने अधिकारों की मांगों के साथ तीन दिन तक (बुधवार शाम से शुक्रवार की रात तक) टोरी जंक्शन पर रेल चक्का जाम करने के बाद विशेष आदिवासी समूह के लोग ‘टाना भगत’ की आर्थिक नाकेबंदी समाप्त हो गयी. तीन दिन में रेलवे  को 100 करोड़ का नुकसान पहुंचाने के बाद इस रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन शुक्रवार देर रात से सामान्य हो गया. शनिवार को विधायक बैद्यनाथ राम के नेतृत्व में टाना भगत का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचा.

रेलवे को 400 करोड़ से अधिक का नुकसान

टाना भगतों की इस अघोषित आर्थिक नाकेबंदी से रेलवे को प्रतिदिन लगभग 50 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. टोरी रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि प्रतिदिन टोरी-शिवपुर लाइन से 10 रेक और खलारी-पतरातू लाइन से 30 रेक कोयले का आवागमन होता है. आंदोलन के कारण सारा काम ठप हो गया है. लॉकडाउन में यात्रियों की सुविधा के लिए चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन राजधानी को भी इस मार्ग में रद्द कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि टाना भगतों के द्वारा किये जा रहे आंदोलन से रेलवे को अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व की हानि का अनुमान है. धनबाद मंडल के रेल प्रबंधक एके मिश्रा ने बताया कि जून से शुक्रवार (4 सितंबर, 2020) तक रेलवे को धनबाद मंडल में लगभग 400 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा सिर्फ रेलवे ट्रैक पर धरना-प्रदर्शन से हो चुका है.

 

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