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वीर शहीद निर्मल महतो झारखंड स्वाभिमान और अस्मिता की लड़ाई लड़ी

रजरप्पा(रामगढ़)। जिला के दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश व कुडमी विकास युवा मोर्चा के प्रधान महासचिव विराट महतो ने रांची जेल मोड़ पहुंचकर वीर शहीद निर्मल महतो के शाहदत दिवस उनके प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। मौके बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश ने कहा कि निर्मल महतो एक अच्छे संगठनकर्ता थे। उनमें अनंत आत्म विश्वास था। वे किसी भी गलत आचरण के खिलाफ आवाज़ उठाने से डरते नहीं थे।वे आजीवन गरीबों के लिए लड़े, गरीब किसानों और मजदूरों के लिए लड़े। झारखंडियों का आत्म विश्वास और आत्म सम्मान प्रदान करने के लिए आखिरी दम तक लड़े।वे शहीद हुए।मगर अपने जीवन में ना कभी प्रलोभित हुए और ना ही किसी तरह का कोई समझौता किया।शोषित, पीड़ितों एवं ग़रीबों के साथी निर्मल महतो का एक ही सपना था, कि अपना अलग झारखण्ड प्रान्त हो, ताकि झारखण्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों को शोषण, उत्पीड़न, अत्याचार और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति दिलाई जा सके। ये उनके अथक प्रयास का ही परिणाम था कि 15 नवंबर 2000 को झारखण्ड अलग राज्य बना।झाड़खंड के मसीहा वीर शहीद निर्मल महतो को राजकीय शहीद का दर्जा दिया जाय।वीर शहीद निर्मल महतो शहादत दिवस 08 अगस्त को राजकीय शोक दिवस के रूप में राजकीय अवकाश घोषित किया जाय।वीर शहीद निर्मल महतो की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय। निर्मल महतो के व्यक्तित्व विचार और उनके द्वारा स्थापित परंपराओ की प्रासंगिकता आज भी है साथ ही उन्होंने कहा कि निर्मल महतो सच्चे अर्थों में जननेता थे । वो झारखंड आंदोलन के प्रणेता थे। आज हमें उनके सपनो को साकार करना है। उन्होंने झारखंडी स्वाभीमान और अस्मिता की लड़ाई लडी।
मौके पर विकास कुमार राम कुमार पंकज कुमार वरुण कुमार उतम कुमार रंजित कुमार डबलू कुमार आदि मौजूद थे।

 

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