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आईएलओ कन्वेंशन-169 को भारत सरकार अंगीकार करें और विश्व आदिवासी अधिकार की घोषणा को लागू करें

रामगढ़। आज 9 अगस्त 2022 को आदिवासी संघर्ष मोर्चा झारखंड के द्वारा रामगढ़ शहर के मेन रोड में एक मार्च निकाली गई।जो, रामगढ़ शहर के मेन रोड में आदिवासियों के अधिकार को बहाल करने की मांग के साथ नारा लगाते हुए मार्च कर रहे थे।

मार्च में आदिवासी महिला- पुरुष अपनी वेश-भूषा में मांदर की ताल के साथ गीत- नृत्य करते हुए नारे लगा रहे थे। जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण की सरंक्षण करो। आदिवासियों को जल,जंगल,जमीन और खनिजों में अधिकार बहाल करो। आदिवासियों की धार्मिक स्थलों में सरना,मसना स्थल, शमशान घाट, देशवाली स्थल, भोक्ता स्थल, पशुओं के चारागाह आदि सार्वजनिक जमीनों को अतिक्रमण करना बंद करो ‌। आदिवासियों की पहचान के लिए आदिवासी धर्म कोड लागू करो। आदिवासियों की हड़पी गई तमाम जमीने वापस करो। आदिवासियों की धर्म संस्कृति, परंपरा, स्वशासन व्यवस्था और भाषा की सरंक्षण व विकास की गारंटी करो। कंपनी,प्लांट हटाओ-संतालों के धार्मिक स्थल लुगु पहाड़ बचाओ आदि नारे लगाए और मांग की गई।
विश्व आदिवासी के अवसर पर मार्च का नेतृत्व कर रहे आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन लक्ष्मण बेदिया, सरयू बेदिया, नागेश्वर मुंडा, नीता बेदिया, कांति देवी, लालचंद बेदिया, लाली बेदिया, लाका वेदिया,रामबृक्ष बेदिया,छोटन मुंडा, लालकुमार बेदिया, जगदीश बेदिया, फूलचंद करमाली,बंशी बेदिया,प्रयाग बेदिया, तृतियाल बेदिया,बृजनारायण मुंडा, नरेश बड़ाइक, फूलचंद बेदिया, अनोध बेदिया, खिलेश्वर बेदिया, सुभाष बेदिया, योगेन्द्र बेदिया, मालती कुमारी,ललकी देवी,सोहन बेदिया, भुनेश्वर बेदिया, विरेन्द्र बेदिया,देवकी बेदिया,संदीप बेदिया,सुरज बेदिया, देवानंद गोप, किशोर कुमार रिक्याशन, प्रेमसागर महतो अन्य सैकड़ों लोग शामिल थे। यह मार्च अंत में सुभाष चौक के पास सभा में तब्दील हो गई जिसको देवकीनंदन बेदिया, सुभाष बेदिया और भुनेश्वर बेदिया ने संबोधन किया। देवकीनंदन बेदिया ने विश्व आदिवासी दिवस की स्थापना के बारे और आदिवासी एवं आदिवासियों की संगठनों को एकताबद्ध होने का आह्वान किया और सुभाष बेदिया ने आदिवासी अधिकारों के बारे में और भुनेश्वर बेदिया ने 9 अगस्त के क्रांति दिवस के बारे में विस्तार से बातों को रखें।
अंत में आदिवासी संघर्ष मोर्चा रामगढ़ इकाई की ओर से रामगढ़ जिला उपायुक्त के माध्यम से भारत गणराज्य राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के नाम आदिवासियों की समस्त अधिकारों को बहाल करने हेतु 18 सूत्रीय मांग पत्र सुपुर्द की गई।

 

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