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रामगढ़ कॉलेज में स्वर्गीय बाबू नयन उमराव सिंह स्टेडियम का हुआ लोकार्पण

रामगढ़। आज रामगढ़ महाविद्यालय में स्वर्गीय बाबू नयन ,उमराव सिंह स्टेडियम का लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ।पूर्व डी.आई.जी. झारखंड सशस्त्र पुलिस डॉ राजीव रंजन ने महाविद्यालय में उपस्थित होकर महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दी।

फुटबॉल ग्राउंड का निरीक्षण करके आज के दिन को ऐतिहासिक बताया। राजीव रंजन आशुतोष कुमार दानदाता के परिवार से हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ मुकुल देव नारायण ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलानुशासक और मानविकी संकायाध्यक्ष एवं रामगढ़ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर मिथिलेश कुमार सिंह उपस्थित रहे।

सेवानिवृत्त प्राचार्य और रामगढ़ महाविद्यालय को जमीन दान में देने वाले श्री आशुतोष कुमार सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थे।भूमि दाताओ के परिवार से व्ययोवृद्ध सदस्य श्री अनिल सिंह एवं अन्य सदस्य पुरुषोत्त सिंह,सुकुमार सिंह, सोमनाथ सिंह, गौरव सिंह, आयुष सिंह, कृष्णा विलास सिंह,बिनीता सिंह, लीली सिंह,यसोदा सिंह, यद्दू सिंह, परिमल सिंह इत्यादि उपस्थित थे.

आगंतुक अतिथियों का स्वागत फूलों का गमला देकर किया गया और सम्मान स्वरूप शॉल भी भेंट किए गए। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वागत संबोधन देते हुए कॉलेज की प्राचार्य डॉ शारदा प्रसाद ने कहा कि इस अवसर पर रामगढ़ के सभी श्रेष्ठ जन उपस्थित हैं। भूमि दानदाता श्री आशुतोष कुमार ने कहा कि हमारे पुरखों ने तो योगदान दिया है पर नई पीढ़ी भी ऐसा योगदान देते रहें यही हमारी उम्मीद है। अपने परिवार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके पुरखे न सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों के न सिर्फ भूमिदाता रहे बल्कि वह अपने समय के स्वतंत्रता क्रांति में भी सहयोगी रहे।

रामगढ़ कॉलेज के पुस्तकालय अध्यक्ष श्री दामोदर महतो जी ने कहा कि 1963 के अपने स्थापना काल से महाविद्यालय विवादों से घिरा रहा है ।अब यह विवाद दूर हो रहा है तो यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है। रामगढ़ महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ गुणानंद झा ने कहा कि रामगढ़ महाविद्यालय एक योद्धा के रूप में जूझता रहा है परंतु हर समय लड़कर फिर खड़ा भी होता रहा है।

विश्वविद्यालय के कुल अनुशासन और शंकर संकाय अध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि कुलपति की अगुवाई में 2020 में पहली लड़ाई लड़ी और जीती गई थी ।आज इस लोकार्पण का सपना साकार हो रहा है। शिक्षाशास्त्री श्री वासुदेव महतो जी ने यहां बीएड और क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू करने की मांग कुलपति से की।

अंत में अध्यक्षीय भाषण के रूप में कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने कहा कि एक विद्यार्थी को अपने जीवन में अपने स्वास्थ्य अपने चरित्र और अनुशासन पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि नयी शिक्षा नीति को अत्यावश्यक बताया। उन्होंने रामगढ़ महाविद्यालय को अच्छी प्रयोगशाला देने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिय

।डॉ आर बी पी देव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर डॉ डी सी राम, डॉ बी एन ओहदार, गौरीनंदन पाठक, दिनेश पाठक, पन्ना लाल राम, बलराम सिंह, हुलाश ठाकुर आदि तथा रामगढ़ महाविद्यालय के समस्त शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

 

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