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रांची में 1 साल से नहीं है ट्रैफिक एसपी

सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा :

बेपटरी हो चुकी है रांची की ट्रैफिक व्यवस्था

रांची सहित जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो के लिए पुलिस कमिश्नर का पद सृजित करने का भी आग्रह

रांची। राजधानी में ट्रैफिक एसपी का पद 1 साल से रिक्त पड़ा है। इस वजह से ट्रैफिक से संबंधित कई काम बाधित हो रहे हैं। इस मामले को लेकर सांसद संजय सेठ ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है।

लिखे पत्र में सांसद ने मुख्यमंत्री से अभिलंब रांची में ट्रैफिक एसपी की पदस्थापना करने का आग्रह किया है इसके साथ ही राजधानी रांची सहित जमशेदपुर धनबाद और बोकारो में पुलिस कमिश्नर का पद भी सृजित करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद ने कहा है कि रांची की एक प्रमुख समस्या की ओर आकृष्ट कराना चाहूंगा।

झारखंड की राजधानी रांची में आबादी का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण यातायात व्यवस्था भी चरमराई हुई है। दूर्भाग्य है कि बीते 1 वर्ष से राजधानी में कोई ट्रैफिक एसपी नहीं है। ट्रैफिक एसपी नहीं होने के कारण यातायात की व्यवस्था और भी बेपटरी होती दिख रही है। एक तरफ सरकार रांची को स्मार्ट सिटी बनाने और यहां के ट्रैफिक व्यवस्था को अत्याधुनिक करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ यहां ट्रैफिक एसपी का ही नहीं होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आए दिन सड़कों पर लगने वाला जाम और इसके चलते होने वाली समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। एंबुलेंस, स्कूल बस जैसे वाहन भी कई बार जाम में फंसे दिखते हैं।
श्री सेठ ने कहा कि ट्रैफिक एसपी नहीं होने के कारण रांची का ट्रैफिक ही अनियंत्रित हो चुका है। मेरा सुझाव है कि अविलंब राजधानी में ट्रैफिक एसपी का पदस्थापन किया जाए ताकि बेपटरी हो चुकी व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सके।
सांसद ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को कहा है कि झारखंड में राजधानी रांची के अलावे जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो तीन अन्य प्रमुख शहर हैं, जो बड़ी आबादी वाले शहर हैं। बड़े औद्योगिक क्षेत्र वाले शहर हैं।


राजधानी सहित इन तीनों शहरों में बढ़ती आबादी और अन्य विभिन्न परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर का पद सृजित किया जाना अब समय की जरूरत बन चुका है। इन शहरों के लिए पुलिस कमिश्नर के पद का सृजन कर, उन्हें पदस्थापित किया जाए ताकि इन चारों शहरों में कानून व्यवस्था और बेहतर तरीके से संचालित हो सके।

आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा मिल सके। अधिकारियों पुलिसकर्मियों के बीच बेहतर समन्वय हो सके। सांसद ने उपरोक्त दोनों ही मामलों में विश्वास जताया है कि राज्यहित में मुख्यमंत्री इस दिशा में बहुत जल्द सकारात्मक कदम उठाएंगे।

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