- जुलु पार्क के समीप किराए में रह रही छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली
10 सितम्बर को एक ओर विश्व आत्महत्या निरोध दिवस मनाया जा रहा है। वहीं हजारीबाग में आत्महत्याओं का दौर थम नहीं रहा है। सदर थाना क्षेत्र के जुलु पार्क के समीप किराए में रह रही छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है।
जुलू पार्क के एक किराए के मकान में रह रही रीना सोरेन ने पिछले वर्ष ही मैट्रिक की परीक्षा पास की थी और लगभग चार साल से यहां पर रहकर पढ़ाई कर रही थी, लॉकडाउन में अपने घर गई थी और फिर अनलॉक होने के बाद घर से यहां लौटी। पड़ोसियों ने बताया कि किसी तरह की कोई बात नहीं थी, आत्महत्या का कारण नहीं पता चल पाया है। कमरा अंदर से बंद था इसलिए पुलिस इसे आत्महत्या मानकर चल रही है। घटना की जानकारी लड़की के चाचा सुरेश सोरेन को दी गई।
हजारीबाग में अबतक तीन दर्जन से अधिक लोगों ने लगाया मौत को गले
1 अप्रैल से अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों ने अब तक जान दे दी। हर दो -तीन दिन में आत्महत्या का मामला एक दो मामले पोस्टमाटर्म के लिए आ जाते हैं। अनलॉक 1.0 के पहले 20 दिनों में 4 लोगों ने खुदकुशी की। एचएमसीएच हजारीबाग के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन अवधि में आत्महत्या का ग्राफ और बढ़ा है। मार्च के बाद अब तक 10 लोगों ने फांसी लगाई। अलग अलग जगह 6 लोगों ने जहर खाकर जान दे दी। 16 लोगों की कुआं व तालाब में डूबने से जान गई। मृतकों में तीन नाबालिग भी शामिल हैं। सबसे दु: खद खिरगांव में एक मां ने अपने दो बच्चों के साथ खुद को केरोसिन उड़ेल कर जला डाला। घटना में तीनों की मौत हो गई। जुलाई में सीमा सुरक्षा बल के जवान ने की आत्महत्या कर ली थी। चिंतनीय बात यह है कि आत्महत्या करने वालों में छोटे बच्चों के साथ बुजुर्ग वर्ग के लोग भी शामिल हैं।
आत्महत्या रोकने के लिए बनाया गया मुस्कान
शहर और आसपास में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए मुस्कान का गठन किया गया है। यहां तनावग्रस्त लोगों की काउंसिलिंग की जाती है। पर दिक्कत यह है कि यहां अपनी समस्या बताने के लिए लोग पहुंचते ही नहीं है। यहां चार चार मनोविश्लेषकों की ड्यूटी भी लगी रहती है। लेकिन अब तक बमुश्किल 20 लोगों की काउंसिलिंग की जा सकी है। इसके व्यापक विस्तार की जरूरत है।