- CDSCO ने इसी महीने भारत बायोटेक को फेज 2 ट्रायल की अनुमति दी है
भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ जानवरों पर ट्रायल में सफल रही है। कंपनी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि Covaxin ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की। यानी लैब के अलावा जीवित शरीर में भी यह वैक्सीन कारगर है, यह साबित हो गया है। कंपनी ने कहा कि बंदरों पर स्टडी के नतीजों से वैक्सीन की इम्युनोजीनिसिटी (प्रतिरक्षाजनकता) का पता चलता है। भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों (Macaca mulata) को वैक्सीन की डोज दी थी। इस वैक्सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसी महीने भारत बायोटेक को फेज 2 ट्रायल की अनुमति दी है।
20 बंदरों के बनाए गए थे चार ग्रुप
भारत में बनी पहली कोरोना वैक्सीन है Covaxin
कोरोना के स्ट्रेन से ही बनी है यह वैक्सीन
15 जुलाई से शुरू हुआ था ट्रायल
फेज 2 ट्रायल की हो गई शुरुआत
वैक्सीन लॉन्च होने में कितना वक्त?
भारत में कम से कम सात कंपनियां- Bharat Biotech, Zydus Cadila, Serum Institute, Mynvax Panacea Biotec, Indian Immunologicals और Biological E कोरोना वायरस की अलग-अलग वैक्सीन पर काम कर रही हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है जबकि बाकी जारी हैं। आमतौर पर वैक्सीन डेवलप करने में सालों लगते हैं मगर कोरोना के चलते दुनियाभर के रिसर्चर्स ने युद्धस्तर पर काम किया है। कोवैक्सिन के फेज 1 ट्रायल डेटा को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के सामने रखना होगा। वहां से फेज 2 ट्रायल की परमिशन मिलेगी जिसमें 750 पार्टिसिपेंट्स होंगे। तीसरी स्टेज में हजारों वालंटियर्स शामिल होंगे। भारत बायोटेक को उम्मीद है कि उसकी वैक्सीन अगले साल की पहली तिमाही तक उपलब्ध हो जाएगी।