- हजारों लोग जनाजे में हुए शामिल
जामताड़ा।फतेहपुर प्रखंड क्षेत्र के अंधारों गांव के रहने वाले मौलाना शमसुद्दीन मिस्बाही नक्शबंदी का निधन हो गया। उनके निधन से आलिमो में शौक का लहर है। उनके चाहनेवाले काफी दुखी हैं। वह अपने पीछे पत्नी, मां-बाप और 4 भाई, तीन बहन और 4 लड़कियां और 1 लड़का को छोड़ गए। उन्हें मदरसा मदीना तुल रजा के आंगन में दफनाया गया।उनकी एक झलक पाने के लिए चाहनेवालों में बेचैनी थी। वह मौलाना मरहूम मुफ्ती रईसुल खैरी नक्शबंदी बनारसी के खलीफा थे।मौलाना समसुद्दीन मदीना तुल रजा नाम के रहमतनगर अंधारो मदरसा के संचालक थे।समाज के सभी समुदाय एवं सभी वर्ग के लोग उन्हें बहुत चाहते थे। दूर-दूर से लोग उन्हें मिलने आते थे। सभी के साथ उनके अच्छे रिश्ते थे।मौके पर सैकड़ों उलेमा और चाहने वालों ने जनाजे में शामिल हुए और उनके लिए दुआ किया।
काफी संख्या में उलेमाओं ने लिया भाग
बड़ी तादाद में उलमा ने जनाजे में शिरकत किया। अल्लामा शहाबद्दीन सका़फी, मुफ्ती सफिउल्लाह मिसबाही, हाफिज सनाउल्लाह, कारी फारुक आज़म, बुनकर मजदुर विकास समिति प्रदेश महासचिव मोलाना सद्दाम हुसैन, जमीयत उलेमा ए हिंद जामताड़ा जिला महासचिव हाफिज जलालुद्दीन अंसारी, कौमी इत्तेहाद मोर्चा के जिला महासचिव रफीक अंसारी, मोर्चा के झारखंड प्रभारी अख्तरुल इस्लाम, डाक्टर ए रहमान, मौलाना मंजूर अहमद नोमानी, मौलाना जसीरुद्दीन सिम्नानी, अय्युब मियाँ आदी हजारों चाहनेवालों ने नमाज ए जनाजा मे शामिल हुए।