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रजरप्पा : भैरवी नदी में डूब रहे चार लोगों को बचाया

  • छिन्नमस्तिका मंदिर में  बड़ी घटना टल गई

रजरप्पा : सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर में उस समय एक बड़ी घटना टल गई, जब भैरवी नदी के उफान में छह महीने के दूधमुंही बच्ची लाडली कुमारी के साथ पिता सिकंदर ठाकुर और माता रूपा देवी सहित चार साल का बेटा सिद्धांत ठाकुर बहने लगा। इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद युवक परमेश्वर यादव पूर्व पिंटू कुमार ने जान जोखिम में डालकर नदी में छलांग लगा दी और इन चारों लोगों को बचा लिया। घटना शुक्रवार की सुबह 10:30 बजे की है।

मुंडन के लिए आए थे, छिलका पुल पार करने के दौरान हुआ हादसा
इन चारों को बचाने वाले युवक स्थानीय दुकानदार परमेश्वर यादव उर्फ पिंटू ने बताया कि हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ थाना अंतर्गत अचलजमुन से बच्चे का मुंडन कराने के लिए सिकंदर ठाकुर अपने परिवार सहित आठ-दस लोगों के साथ पहुंचे थे। मंदिर के दूसरे छोर गोला की ओर से आने के बाद मंदिर जाने के लिए छिलका पुल पार कर रहे थे। इसी क्रम में पत्नी रूपा देवी का पैर फिसल गया। इस कारण वो नदी में गिर गई। चूंकि नदी की तेज धार से बचने के लिए सभी लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा था, इसलिए एक-एक कर सभी लोग नदी के धार में गिरकर बहने लगे।

रात में जमकर बारिश, दामोदर भैरवी नदी का बढ़ा जलस्तर
गुरुवार रात रजरप्पा क्षेत्र में जमकर बारिश हुई। रात 11:00 बजे तेज गरज के साथ लगातार तीन घंटे तक बारिश होते रही। इसके कारण दामोदर भैरवी का जलस्तर काफी बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने के बाद भैरवी नदी का पानी छिलका पुल के ऊपर से बह रहा है। इस कारण लोगों को नदी पार करने में भारी परेशानी हो रही है। नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं।बता दें कि कोरोनावायरस संक्रमण फैलने के बाद जारी लॉकडाउन के कारण छिन्नमस्तिका मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। इसके बावजूद लोग मुंडन और पूजा के लिए आ रहे हैं। यह लोग बाहर ही पूजा-अर्चना और मुंडन जैसे रस्म करते हैं।

दर्जनों लोगों को नदी में डूबने से बचा चुका है परमेश्वर
स्थानीय दुकानदार परमेश्वर उर्फ पिंटू ने अब तक दर्जनों लोगों को नदी में डूबने से बचाया है। परमेश्वर इलाके का अच्छा गोताखोर माना जाता है। नदी में जब जल स्तर बढ़ जाता है तब वह खुद सक्रिय कर लेता है। परमेश्वर ने बताया कि लोगों को मना करने के बावजूद लोग नदी के तेज धार में नहाने चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बचाने के बाद मन को काफी शांति मिलती है।

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