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चिरेका आरके गेट पर प्रदर्शनकारियों ने जलाया मजदूर विरोधी बिल

  • रेल में ठेकेदाली प्रथा को बंद करो का लगाया नारा

जामताड़ा। रेलवे निजीकरण के खिलाफ चल रहे सतत संघर्ष को आगे बढाते हुए शनिवार को चिरेका आरके गेट पर प्रदर्शनकारियों ने
केन्द्र सरकार की भरपूर आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करते हुए मजदूर विरोधी बिल की प्रतियां भी जलायी।

वहीं रेल बेचने पर रोक लगाने, उत्पादन ईकाइयों का निजीकरण बंद करने, एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस बहाल करने, सर्विस रिव्यु के नाम पर जबरन रिटायरमेंट बंद करो जैसे नारों को बुलंद किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए चिरेका रेलवे मेंस युनियन के प्रदीप बनर्जी ने रेलवे में थोपी जा रही ठेकेदारी प्रथा पर अविलंब रोक लगाने की बात कही। कहा इसकी बजह से एक तरफ जहां रेलकर्मियों का काम प्रभावित हो रहा है, वहीं चिरेका का टाउनशीफ एरिया में गंदगी जमा हो रही है।

अंकुश नहीं लगाया गया तो रेल और देश दोनों गर्त में चला जायेगा

आने वाले दिनों में अगर निजीकरण पर अंकुश नहीं लगाया गया तो रेल और देश दोनों गर्त में चला जायेगा। इसके अलावा आईआरईएफ व एआईसीसीटीयू के स्वदेश चटर्जी ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार मजदूर विरोधों सरकार है। ये सरकार कारपोरेट घराने की सरकार है। रेल देश की आर्थिक रीढ़ है। रेलवे काफी मुनाफा देती है। फिर भी रेलवे पर केंद्र सरकार की मार क्यों पड़ रही है। ये सरकार रेल के साथ साथ हवाई अड्डा, बैंक, एलआईसी पर भी नजरें है। मौके पर सुभाष चटर्जी, सुरेन्द्र सिंह, किशानू भट्टाचार्य सहित अनेकों मौजूद थे।

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