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एनटीपीसी को बस काम चालू कराने से मतलब, विस्थापितों और प्रभावितों से कोई सरोकार नहीं : अम्बा प्रसाद

  • कोरोना से रिकवर होकर सत्याग्रह स्थल पर पहुंची विधायक अंबा प्रसाद
  • जल्द ही ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल का मुख्यमंत्री से होगी मुलाकात
  • 2013 कानून लागू कराने,विस्थापितों और प्रभावितों को मुआवजा और रोजगार का अधिकार दिलाना कर्तव्य

बड़कागांव/(हजारीबाग)। बड़कागांव के पंकरी बरवाडीह कोल माइंस परियोजना एनटीपीसी एवं इसके सहयोगी कंपनी त्रिवेणी सैनी के विरुद्ध 1 सितंबर से 5 पंचायत के लगभग 15 गाँव के चल रहे सत्याग्रह स्थल पर स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद जाकर मिली। सत्याग्रह कर रहे ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि हर हाल में 2013 कानून लागू कराऊंगी। जल्द ही विस्थापितों और प्रभावितों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता कराने की बात कही।

विचलित होने की जरूरत नहीं है

आगे उन्होंने आंदोलन कर रहे ग्रामिणो को संबोधित करते हुए कहा कि जो माननीय मुख्यमंत्री द्वारा एनटीपीसी के आग्रह पर कोयले की ढुलाई के मामले में बयान आया है उससे विचलित होने की जरूरत नहीं है उन्होंने जांच कराने की बात कही है जिससे ग्रामीणों को कोई समस्या नही हो।

हमारी सरकार में ना लाठी चलेगी न ही गोली अपने संवैधानिक अधिकार के लिए हम संघर्ष करेंगे जिसे सरकार निश्चित तौर पर सुनेगी। माननीय मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी के चेयरमैन को मुआवजे और रोजगार पर जल्द मंतव्य देने को कहा है।साथ ही सभी धरना स्थल पर जाकर उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट की कॉपी विधायक ने दी।

उच्च स्तरीय कमेटी ने रिपोर्ट में निर्णय लिया था कि कोल बीयरिंग एक्ट और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के अन्तर्गत किया गया अधिग्रहण कानून संगत नहीं है।भूमि अधिग्रहण अधिनयम 2013 और कोयला मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू होना चाहिए।

विधायक अम्बा प्रसाद ने एनटीपीसी के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनटीपीसी को विस्थापितों और प्रभावितों से कोई मतलब नहीं है। पहले तो एनटीपीसी ने कमिटी के रिपोर्ट पर साइन करने से मना कर दिया। अभी कल भी कम्पनी माननीय मुख्यमंत्री से मिली तो सिर्फ काम चालू कराने को लेकर। एनटीपीसी चेयरमैन को विस्थापितों और प्रभावितों से कोई सरोकार नहीं है।विधायक ने कहा कि अगर कंपनी को खनन करने की हड़बड़ी है तो जल्द से जल्द उच्च स्तरीय कमेटी के प्रस्ताव को लागू करे और 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों के तहत कार्य करें।

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