- जिले में 661 स्वीकृत के विरुद्ध 314 थे कार्यरत 248 की जो रही छटनी
जामताड़ा। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जामताड़ा जिला में भी भारी संख्या में शिक्षक पदमुक्त हो गए हैं।इससे शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। जामताड़ा जिला से उवि के कुल 248 शिक्षक पदमुक्त हुए हैं। इतनी काफी संख्या में शिक्षकों के हटने के बाद शिक्षा व्यवस्था चौपट होती नजर आ रही है। जिले के उवि में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। शिक्षा विभाग के हवाले से खबर है कि अब उच्च विद्यालयों में जीव विज्ञान की पढ़ाई नही हो सकेगी। सभी बायोलॉजी के शिक्षक हट रहे हैं।
जामताड़ा में कुल 65 उवि है
बता दें कि जामताड़ा जिला में कुल 65 हाई स्कूल है जिनमें से 46 उत्क्रमित उच्च विद्यालय, 16 उच्च विद्यालय तथा 3 प्रोजेक्ट कंन्या उच्च विद्यालय है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब अनेको स्कूलों में शिक्षक नही बचेंगे। पहले की तरह प्रतिनियिजित शिक्षक के भरोसे स्कूल चलेंगे। मिडिल स्कूल के उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को प्रतिनियोजित किया जाएगा।
जिले के कुंडहित प्रोजेक्ट कंन्या उवि हो गया शिक्षक विहीन
बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब कई स्कूलों में शिक्षक नही रहेंगे। कुछ विद्यालय में भी शिक्षक नील हो जाएगा। ऐसा ही जिले के कुंडहित प्रोजेक्ट कंन्या उवि है, जहां शिक्षक विहीन हो जाएगा।
जिले में कुल 661 शिक्षकों का स्वीकृत पड़ के विरुद्ध 314 थे कार्यरत
बता दें कि जामताड़ा जिला में हाई स्कूलों के शिक्षकों का कुल 661 स्वीकृत पद है। जिनमे से 314 शिक्षक कार्यरत थे। लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब जिला से 248 शिक्षकों की छटनी हो रही है। अब जामताड़ा जिला में 66 शिक्षक ही बचेंगे। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की आशा कतई नही की जा सकती।
क्या कहते है जिला शिक्षा पदाधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने कहा कि सरकार से चिट्ठी आने के बाद ही कुछ आकलन किया जा सकता है। शिक्षकों की छटनी होने से मैट्रिक परीक्षा से लेकर हर चीज बाधित होगा। किसी प्रकार से कम चलाना होगा।