- 225 इंटरमीडिएट शिक्षक के तबादला मामले में रघुवर सरकार के तत्कालीन मंत्री की ओर से हस्तक्षेप कर उसे रोकने के आदेश को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी
रांची: राज्य में 225 इंटरमीडिएट शिक्षक के तबादला मामले में रघुवर सरकार के तत्कालीन मंत्री की ओर से हस्तक्षेप कर उसे रोकने के आदेश को याचिकाकर्ता दिलीप कुमार और अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. अदालत ने उस याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री के आदेश को रद्द कर दिया है. अदालत ने यह माना की स्थापना समिति की ओर से किया गया शिक्षकों का स्थानांतरण सही था, मंत्री उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे. यह कहते हुए अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया है.
झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के मानव संसाधन मंत्री के ओर से किए गए फैसले को खारिज कर दिया है. इसमें पूर्व सरकार के मंत्री ने उच्च विद्यालय, इंटरमीडिएट शिक्षकों के तबादले के आदेश पर रोक लगाई थी. न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए, शिक्षकों के तबादले से संबंधित तत्कालीन शिक्षा मंत्री के आदेश को गलत करार देते हुए स्थापना समिति के जारी किए गए तबादले से संबंधित आदेश को सही ठहराया है. तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने इंटरमीडिएट शिक्षकों के तबादले में हस्तक्षेप किया था.
शिक्षकों के एक समूह के ओर से तत्कालीन शिक्षा मंत्री के जारी किए तबादले पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय के सामने याचिका दायर कर कहा था, कि तबादले का अधिकार मंत्री को न होकर, स्थापना समिति का होता है, लेकिन इसके बावजूद तत्कालीन शिक्षा मंत्री लगभग 225 इंटरमीडिएट शिक्षकों के तबादले में हस्तक्षेप किया था. उस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थापना समिति के आदेश को सही ठहराते हुए, मंत्री के फैसले को गलत मानते हुए याचिका का निष्पादन किया है.