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नवरात्रि से पहले रजरप्पा मंदिर खोलने या नहीं खोलने पर विचार करने का आदेश

  • माँ छिन्नमस्तिका मंदिर खोले जाने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

रांची : माँ छिन्नमस्तिके मंदिर आम श्रदालुओं के लिए खोले जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को नवरात्रि से पहले रजरप्पा मंदिर खोलने या नहीं खोलने पर विचार करने का आदेश दिया है. हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नरायण प्रसाद की दो न्यायाधीशों की खण्डपीठ ने सरकार के जवाब के बाद इस याचिका को निष्पादित कर दिया है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और प्रार्थी की तरफ से अधिवक्ता श्रुति श्रेष्ठ ने हाइकोर्ट में पक्ष रखा.

झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी

बता दें कि देशभर में प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिके मंदिर श्रद्धालुओं के खोलने के लिए झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. जनहित याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के कारण मंदिर के बंद होने से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र यह प्रसिद्ध सिद्धपीठ के स्थानीय काफी प्रभावित हो रहे हैं.

 दुकानदार के बीच जीवन यापन की समस्या खडी हो गयी है

इसके साथ ही वहां के दुकानदार, पूजा पाठ, फल-फुल विक्रेता, नाव चालक, होटल दुकानदार के बीच जीवन यापन की समस्या खडी हो गयी है. राज्य सरकार के द्वारा अनलॉक किये जाने की प्रक्रिया में 28 अगस्त 20 को भी मंदिर खोलने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया गया.

याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री माधवलाल ने याचिका में अदालत से गुहार लगाते हुए कहा था कि कोर्ट कोविड-19 से जुड़ी गाइड लाइंस और अनलॉक से जुड़ी एडवाइजरी के तहत राज्य सरकार को रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिके मंदिर खोलने का निर्देश दे, ताकि आम श्रद्धालुओं और मंदिर से जुडे लोगों के समक्ष जीवन यापन की समस्या खड़ी न हो.

नवरात्रि के समय छिन्नमस्तिके मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता है

गौरतलब है कि नवरात्रि के समय छिन्नमस्तिके मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहता है.लेकिन अब तक राज्य सरकार के द्वारा मंदिर और अन्य पूजा स्थलों को खोलने संबंधी कोई दिशा निर्देश नहीं दिये गये हैं. इसलिए छिन्नमस्तिके मंदिर में अबतक आम श्रद्धालुओं के पूजा पाठ करने पर रोक लगी हुई है.जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया गया है,जिसके तहत विश्व प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ मंदिर को खोलने संबंधित आदेश पारित किया गया था.

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