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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले- केंद्र ने संघीय ढांचे को किया तार-तार, कृषि बिल के खिलाफ होगा ‘उलगुलान’

  • केंद्र की गलत नीति के कारण अन्नदाता सड़क पर उतरने को मजबूर
  • अब कृषि संबंधित यह बिल देश के 90% से ज्यादा आबादी को प्रभावित करेगी
  • केंद्र सरकार तानाशाही पर उतर आई है

रांचीः  झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि केंद्र की गलत नीति के कारण अन्नदाता सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं. पहले जीएसटी थोपा फिर कोल ब्लॉक आवंटन में मनमानी की. इसके बाद शिक्षा नीति और अब कृषि संबंधित यह बिल देश के 90% से ज्यादा आबादी को प्रभावित करेगी. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही पर उतर आई है. संविधान के अनुच्छेद 123 की शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर अध्यादेश लाती है. इस बिल के कारण अब जमाखोरी और कालाबाजारी जैसे शब्द कानूनी रूप से मान्य हो जाएंगे.

अगर कंपनी दिवालिया हो जाएगी तो किसानों के उस उत्पाद का क्या होगा

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भी मुख्यमंत्री ने कई सवाल खड़े किए. सीएम ने कहा कि अब कंपनियां अनुबंध करेंगी लेकिन यह तय नहीं है कि अगर कंपनी दिवालिया हो जाएगी तो किसानों के उस उत्पाद का क्या होगा. अगर किसी राज्य में कोई कंपनी वैसा फसल उगाएगी, जिसकी उस राज्य में जरूरत ही ना हो और कंपनी ऐन वक्त पर करार तोड़ देगी तो किसान क्या करेगा. सीएम ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के दौरान किसान को एमएसपी से ज्यादा पैसे मिलेंगे या फिर नहीं.

महाजन फिर से किसानों का शोषण करेंगे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कृषि से जुड़े मामले पर फैसले लेने का अधिकार राज्य सरकारों का है. इसके बावजूद जबरन गलत तरीका अपनाकर कानून बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब उलगुलान होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के साथ मिलकर पंचायत स्तर पर पैक्स को मजबूत किया जाएगा, इसको लेकर जल्द करीब 250 करोड़ की योजना शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के लागू होने से महाजन फिर से किसानों का शोषण करने लगेंगे. उन्होंने इसे आर्म टूयूस्टिंग की संज्ञा दी.

मंडी के मामले को राज्य सरकार के जिम्मे क्यों छोड़ा गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में दोबारा सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े रिफॉर्म की ओर इशारा किया था, यानी उसी वक्त तय कर लिया गया था कि व्यापारियों को किस किस रास्ते से लाभ पहुंचाना है. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि मंडी के मामले को राज्य सरकार के जिम्मे क्यों छोड़ा गया. मुख्यमंत्री ने चाणक्य के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी होता है वह देश भिखारी हो जाता है. डीवीसी के बकाए पर उन्होंने कहा कि अगर बिजली काटी गई तो चुप नहीं बैठेंगे. मुख्यमंत्री के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम भी मौजूद थे.

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