चंडीगढ़ । केंद्र सरकार के संसद में कृषि विधेयकों काे पारित कराने को लेकर पंजाब की राजनीति में बड़ा मोड़ आ गया है। शिेरोमणि अकाली दल के कृषि विधेयकोंं केे मुद्दे पर राजग और भाजपा से नाता तोड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से खुद को अलग किया था और हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
शनिवार को शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया। काेर कमेटी में शिअद नेताओं कृषि विधेयकों को पारित कराए जाने के बाद पैदा हालात और किसानों के विरोध के बारे में विचार-विमर्श किया गया। इसमें नेताओं ने कहा कि किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जा सकता है।
शिअद नेताओं ले कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलोें की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के सुनिश्चित करने की गारंटी नहीं दे रही है। इस मुद्दे को कृषि विधेयकों में शामिल करने काे तैयार नहीं है। ऐसे में राजग और भाजपा के साथ नहीं रहा जा सकता है। बता दें कि पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है। पंजाब बंद के दौरान भी शिअद ने इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लिया था।