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सोनिया गांधी की कांग्रेस शासित राज्यों को सलाह, कृषि कानून के खिलाफ पारित करें कानून

  • केंद्र सरकार के ‘कृषि विरोधी कानूनों’ को निष्प्रभावी करने के लिए अपने यहां कानून पारित करने की संभावना पर विचार करें

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित प्रदेशों की सरकारों से सोमवार को कहा कि वे केंद्र सरकार के ‘कृषि विरोधी कानूनों’ को निष्प्रभावी करने के लिए अपने यहां कानून पारित करने की संभावना पर विचार करें। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया ने कांग्रेस शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (ए) के तहत कानून पारित करने के संदर्भ में गौर करें। वेणुगोपाल ने कहा कि यह अनुच्छेद इन ‘कृषि विरोधी एवं राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने वाले केंद्रीय कानूनों’ को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य विधानसभाओं को कानून पारित करने का अधिकार देता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकारें हैं। महाराष्ट्र और झारखंड में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है।

वेणुगोपाल ने दावा किया, ”राज्य के इस कदम से कृषि संबंधी तीन कानूनों के अस्वीकार्य एवं किसान विरोधी प्रावधानों को दरकिनार किया जा सकेगा। इन प्रावधानों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने और कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को बाधित करने का प्रावधान शामिल है।”

किसानों को उस घोर अन्याय से मुक्ति मिलेगी

कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा, ”कांग्रेस शासित प्रदेशों की ओर से कानून पारित करने के बाद वहां किसानों को उस घोर अन्याय से मुक्ति मिलेगी जो मोदी सरकार और भाजपा ने उनके साथ किया है।” गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को इन विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके बाद ये कानून बन गए हैं।

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