अभी तक उनका है भाजपा से सीधा मुकाबला
धनबाद l कोयलांचल में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई हैlएक ओर जहां भाजपा अपने बाघमारा विधायक को लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित कर उनके लिए वोट मांग रही हैl वहीं भले इंडिया गठबंधन ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया हो पर चुनाव में इस बार थर्ड जेंडर की एंट्री ने सबको चौंका कर रख दिया हैl थर्ड जेंडर कोयलांचल संघ के अध्यक्ष भी अब सियासी जंग में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतर चुके हैंl
थर्ड जेंडर की भी होगी भूमिका
दरअसल, वर्तमान राजनीति में थर्ड जेंडर की भागीदारी शून्य हैlजबकि एक समय ऐसा था जब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक और महापौर मध्य प्रदेश से निर्वाचित हुए थेl ट्रांसजेंडर कमला बुआ और शबनम मौसी के प्रतिनिधि बनने के बाद से ही देश में एक नई राजनीति की शुरुआत हुई थीl इन दोनों ही ट्रांसजेंडर ने समाज को समता, समानता का संदेश दिया थाl लेकिन बदलते वक्त ने थर्ड जेंडर को राजनीति से बाहर कर दियाlपर इस बार झारखंड के कोयलांचल में थर्ड जेंडर की चुनावी मैदान में दावेदारी ने इनके समाज में जान फूंक दी हैl
मजबूती से खड़ी हैं सुनैना
कोयलांचल के थर्ड जेंडर संघ की जिला अध्यक्ष सुनैना सिंह इस बार लोकसभा चुनाव में उतरी हैंlकल तक जिनके हाथ सभी को दुआएं देने के लिए उठा करते थेl आज उसी हाथ के साथ सुनैना मजबूती के साथ खड़ी हैंl ट्रांसजेंडर समाज अपनी अध्यक्ष सुनैना सिंह राजपूत के लिए वोट मांग रहा हैl सुनैना की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने ग्रेजुएशन पी के राय मेमोरियल कॉलेज से की हैlउनका लालनपोषण झारखंड ट्रांस जेंडर संघ की प्रदेश अध्य्क्ष छमछम देवी ने की हैl
शुरू से ही करती हैं समाज सेवा
सुनैना बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई और समाज सेवा में ध्यान देती रही हैंl सुनैना किसी पहचान की मोहताज नहीं हैंlकोविड-19 के दौरान वे अपनी टीम के साथ समाज सेवा में लगी रहीं. वे जिले के स्टेशन और बस स्टैंड के आस पास जो सड़क पर ठेला लगाने वाले, कूड़ा बीनने वाले, भिखारी, गरीब और कमजोर समूह के लोगों को दो साल तक दो टाइम मुफ्त भोजन दिया करती थींlसुनैना कहती हैं कि जो धनबाद देश को ऊर्जा देता है वह खुद अंधेरा में हैl
क्या हैं चुनावी मुद्दे?
धनबाद रेल मंडल देश का दूसरा सबसे कमाऊ रेल मंडल है. पर यहां के लोगों को दिल्ली, मुंबई या दक्षिण जाने के लिए आजतक डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिली हैlएयरपोर्ट और एम्स जैसे बड़े अस्पताल धनबाद से देवघर चला गया, पर जनप्रतिनिधि मौन रहे. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर वह चुनावी मैदान में उतर रही हैंl
दूसरों के भले के लिए लड़ रही हैं चुनाव
सुनैना सिंह के मुताबिक, आजादी के 75 साल बाद भी ट्रांस समुदाय के सदस्यों से किनारा किया जाता है. अब तक उनके लिए किसी पार्टी ने कुछ नहीं किया. अपने परिवार के सदस्यों से वर्षों तक उपहास झेलने के बाद भी सुनैना अपने जैसों और मिडिल क्लास फैमिली के सपोर्ट से चुनावी मैदान में कूदने जा रही हैं.
राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों के आगे सुनैना जनता को ही अपनी पार्टी मानकर चुनाव लड़ेंगी. सुनैना कहती हैं कि राजनीति में आने के बाद ज्यादातर लोग भाई-भतीजावाद करते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रांस का कोई भाई-भतीजा नहीं होता, हम हमेशा दूसरों का भला चाहते हैंlअभी तक चुनावी मुकाबले में सुनैना और ढुल्लू ही हैं आमने-सामने।