मुंबई : देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है. यहां अब तक 5 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. महाराष्ट्र में भी मुंबई सबसे अधिक कोरोना प्रभावित है. मुंबई में अकेले दो लाख से अधिक लोग कोविड-19 की चपेट में आये हैं. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए नयी तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है.
बताया जा रहा है महाराष्ट्र में आवाज से ही कोरोना का टेस्ट किया जा सकेगा. यह जानकारी मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर दी है. आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, ‘बीएमसी आवाज के सैंपल्स का इस्तेमाल करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित कोविड टेस्टिंग का एक परीक्षण करेगी. आरटी-पीसीआर टेस्टिंग भी होती रहेगी, लेकिन वैश्विक स्तर पर जांची गई तकनीकें साबित करती हैं कि महामारी ने हमें हमारे स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में तकनीक के इस्तेमाल से चीजों को अलग तरह से देखने और विकसित करने में मदद की है.
वहीं महाराष्ट्र भाजपा के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि राज्य को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच की पूर्ण क्षमता का उपयोग करना चाहिये। उन्होंने साथ ही बड़ी संख्या में एंटीजन जांच किए जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य की कोविड-19 से बचाव की रणनीति वैज्ञानिक होनी चाहिए यह सिर्फ आंकड़ों के प्रबंधन पर आधारित नहीं होनी चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, छह अगस्त को हुई कोविड-19 के कुल 78,711 जांच में से 50,421 (64%) एंटीजन जांच हैं और सिर्फ 27,440 (34%) आरटी-पीसीआर जांच हुई जबकि 850 जांच अन्य तरीकों से हुईं. यह अनुपात 1:1 होना चाहिए 1:2 नहीं. गौरतलब है कि इजराइल और भारत चार अलग-अलग तरह की तकनीकों के लिए परीक्षण कर रहे हैं, जिसमें लगभग 30 सेकंड में कोविड-19 का पता लगाने की क्षमता है. इसमें एक श्वास विश्लेषक और आवाज परीक्षण (वॉयस टेस्ट) शामिल हैं.