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महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा, दिलीप पाटिल होंगे अगले होम मिनिस्टर

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख  ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंपा है. अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये के उगाही का आरोप है. अनिल देशमुख के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू हो गयी है. इस्तीफे के बाद अनिल देशमुख ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट  के आदेश के बाद गृह मंत्री के रूप में बने रहना उन्हें नैतिक रूप से सही नहीं लगा. इस्तीफा से पहले देशमुख ने राकांपा चीफ शरद पवार  से भी मुलाकात की थी.

अब नये गृह मंत्री के रूप में दिलीप पाटिल का नाम सामने आ रहा है. टीवी रिपोर्ट्स का दावा है कि दिलीप पाटिल का ठाकरे मंत्रीमंडल में गृह मंत्री का पद दिया जायेगा. दिलीप पाटिल भी एनसीपी के विधायक हैं और मौजूदा समय में उद्धव ठाकरे मंत्रीमंडल में मंत्री हैं. अब मुख्यमंत्री ठाकरे उन्हें ही गृह मंत्रालय की जिम्मेवारी देने वाले हैं. अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद जांच चल रही है.

राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि गूह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा देने से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात की और कहा कि हाई कोर्ट के जांच के आदेश के बाद उन्हें अपने पद पर नहीं बने रहना चाहिए. एनसीपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से देशमुख का इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया.

भाजपा ने उद्धव सरकार पर कसा शिकंजा

अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद भाजपा ने उद्धव सरकार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा देशमुख का इस्तीफा इस बात को साबित करता है महाराष्ट्र की सरकार पैसा उगाही जैसे कामों में लगी है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है मामले की निष्पक्ष जांच होगी और सभी सलाखों के पीछे होंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि पुलिस को पर्सनल फोर्स की तरह इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार ने उगाही का बड़ा रैकेट शुरू किया. जांच आगे बढ़ेगी तो कई बड़े चेहरों पर से पर्दा उठेगा.

क्या है पूरा मामला

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उद्धव सरकार, खासकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये के उगाही का टारगेट देने का आरोप लगाया था. उन्होंने एक चिट्ठी में इस बात का जिक्र किया था. इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों के अंदर इस मामले की प्रारंभिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. इसके बाद देशमुख का इस्तीफा आया. भाजपा शुरू से ही देशमुख के इस्तीफे पर अड़ी थी और जगह-जगह प्रदर्शन किये जा रहे थे.

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