Breaking News

भारत-बांग्लादेश सीमा अवैध रूप से पार करते 915 महिलाएं पकड़ी गईं

नई दिल्ली : भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर मानव तस्करी दोनों देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस साल अगस्त के मध्य तक दोनों देशों के बीच अवैध रूप से सीमाओं को पार कर रहीं 915 महिलाओं को पकड़ा है. गिरफ्तार लोगों में वह महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने भारत में प्रवेश करने की कोशिश की और साथ ही वह महिलाएं, जिन्होंने एक जनवरी से 15 अगस्त के बीच दलाल या गुप्त सूचना मुहैया कराने वालों की सहायता से सीमा पार करने की कोशिश की थी. गृह मंत्रालय के आंकड़ों से इसका पता चला है. यह संख्या महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 2020 के अंत तक पिछले कुछ वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ सकती हैं.

2020 के अंत तक पिछले कुछ वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ सकती हैं.

एक अनुमान के अनुसार अगर तस्करी के दौरान पकड़ी गई महिलाओं की संख्या साढ़े सात महीने में ही 900 को पार कर गई है, तो यह इस साल के अंत तक 1,400 का आंकड़ा पार कर सकती है. भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़ी गई महिलाओं की संख्या 2019 में 936, 2018 में रिकॉर्ड 1,107 और 2017 में 572 थी.

इस साल सीमाओं पर पकड़ी गई कुल 915 महिलाओं में से सबसे अधिक 888 दक्षिण बंगाल से पकड़ी गई हैं. इसके बाद त्रिपुरा से 14, असम में गुवाहाटी से छह, उत्तर बंगाल से चार, मिजोरम और कछार से दो और मेघालय से एक महिला पकड़ी गई है.

भारत और बांग्लादेश 4,096.7 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. इसमें से पश्चिम बंगाल (2,216.7 किमी), असम (263 किमी), मेघालय (443 किमी), त्रिपुरा (856 किमी) और मिजोरम (318 किमी) शामिल है.

अधिकतम महिला तस्करी के मामले दक्षिण बंगाल से दर्ज किए गए हैं

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अधिकतम महिला तस्करी के मामले दक्षिण बंगाल से दर्ज किए गए हैं, जहां से 850 महिलाओं को बांग्लादेश में पार करते समय या भारत में प्रवेश करते समय पकड़ा गया. यह संख्या 2018 में 620 और 2017 में 462 थी. आंकड़ों से पता चलता है कि महिला तस्करी में 2019 में त्रिपुरा दूसरे स्थान पर रहा है, जहां तस्करी के 52 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं 2018 में यहां 47, जबकि 2017 में 14 महिलाएं सीमा पार करते हुए पकड़ी गईं हैं.

असम में गुवाहाटी दक्षिण बंगाल के बाद 2018 में दूसरे स्थान पर रहा, जहां सीमा पार करते समय 394 महिलाओं की गिरफ्तारी हुई. वहीं 2019 में यह आंकड़ा आठ जबकि 2017 में छह था. उत्तर बंगाल सीमा के माध्यम से महिलाओं की तस्करी के मामलों में हालांकि पिछले कुछ वर्षों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. 2017 में यह आंकड़ा 87 था, लेकिन 2018 में 39 हो गया. वहीं 2019 में यह संख्या 12 रहा और इस साल 15 अगस्त तक केवल चार महिलाएं सीमा पार करते हुए पकड़ी गईं.

मेघालय सीमांत क्षेत्र से इस वर्ष 15 अगस्त तक केवल एक महिला पकड़ी गईं, जबकि पिछले साल 11 महिलाओं को पकड़ा गया था. 2018 में यहां से छह और 2017 में तीन महिलाओं को सीमा पार करते हुए पकड़ा गया. मिजोरम और असम के कछार से सबसे कम महिला तस्करी के मामले दर्ज किए गए हैं. इस साल 15 अगस्त तक इन क्षेत्रों से केवल दो महिलाओं को पकड़ा गया है. वहीं 2019 में यहां से तीन, 2018 में एक महिला सीमा पार करते हुए पकड़ी गई थी. इस क्षेत्र से 2017 में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था.

Check Also

झारखंड प्रगतिशील वर्कर्स का प्रतिनिधि मंडल रांची नगर निगम के आयुक्त से मिला,सोपा ज्ञापन

🔊 Listen to this रांचीlझारखंड प्रगतिशील वर्कर्स यूनियन के बैनर तले रांची नगर निगम के …