जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पिछले साल 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले को लेकर नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी आज जम्मू-कश्मीर की विशेष कोर्ट में चार्जशीट दायर करने कर दिया है. ये चार्जशीट करीब पांच हजार पन्नों का हौ. इस हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हुए थे. वहीं, कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे.पुलवामा आतंकी हमला मामले में जैश-ए-मोहम्मद की साजिश, विस्फोटकों की खरीद और हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की पहचान और उनके मददगारों पर चार्जशीट तैयार की गयी है.
20 आतंकवादियों को आरोपी बनाया गया है
NIA द्वारा विशेष कोर्ट में दायर चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और उसके रिश्तेदारों अम्मार अल्वी और अब्दुल रऊफ सहित 19 लोगों के नाम है. इस बात की पहले ही संभावना जतायी जा रही थी कि आतंकी हमला मामले में जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर, रऊफ अजहर और पाकिस्तान स्थित षड्यंत्रकारियों समेत 20 आतंकवादियों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट को जम्मू स्थित एनआईए की स्पेशल कोर्ट में जमा कर दिया गया है.
18 महीने तक चलने वाली इस जांच में एनआईए ने वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों के आधार पर इस मामले की छानबीन की और सबूत जुटाएं हैं. जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के कॉल रिक़ॉर्ड, व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो बरामद किए हैं उसके आधार पर सबूत तैयार किया गया है.
हमले का मुख्य साजिशकर्ता उमर फारुक था
अधिकारियों ने बताया कि हमले का मुख्य साजिशकर्ता उमर फारुक था. उमर फारूक 29 मार्च 2020 को आइडी एक्सपर्ट कामरान समेत मुठभेड़ में मारा गया. फारूख ने अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ किया. पुलवामा हमले के लिए फारूक ने ही कार में आइडी एसेंबल किया था. एनआईए के अनुसार, हमलावरों ने सांबा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के माध्यम से भारत में घुसपैठ की थी. आरोपियों के फोने से मिले सबूत के आलावा जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर रहे घुसपैठ करने वाले समूहों के पैरों के निशान भी पाए गए थे.